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    अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के यहां चल रहे 65वें अधिवेशन में डॉ.एस़ सुब्बैया को एक बार फिर एबीवीपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया है। वहीं जेएनयू की छात्रा निधि त्रिपाठी को राष्ट्रीय महामंत्री बनाया गया है। आगरा कॉलेज के मैदान में चल रहे एबीवीपी के अधिवेशन में राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए सुब्बैया के नाम की घोषणा की गई। एबीवीपी का चार दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन यहां शुक्रवार को शुरू हुआ।

    दूसरे दिन अधिवेशन की शुरुआत ध्वजारोहण के साथ हुई। इसके बाद एबीवीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राष्ट्रीय महामंत्री की घोषणा की गई। डॉ़ एस़ सुब्बैया तीसरी बार एबीवीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने हैं। वह कैंसर विशेषज्ञ हैं।

    डॉ़ सुब्बैय्या ने महाराष्ट्र में चल रहे राजनैतिक घटनाक्रम पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यहां (भारत) की रियासतों में अपने पिता को हिरासत में लेकर सियायत नहीं होती। उनका इशारा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से गठबंधन तोड़कर सत्ता पर काबिज होने की कोशिश करने वाली शिवसेना की ओर था।

    आगरा की धरती से उन्होंने मुगल शासकों पर निशाना साधा। उन्होंने बाबर और शाहजहां की चर्चा करते हुए ऐतिहासिक घटनाक्रम को सिलसिलेवार ढंग से बताया।

    एबीवीपी की राष्ट्रीय महामंत्री बनने के बाद निधि त्रिपाठी ने कहा, “मैं संगठन के अधिवेशन में सबसे अंतिम पंक्ति में बैठकर नारे लगाती थी, आज आप सभी के सामने हूं। संगठन में मुझे देश का नेतृत्व करने का दायित्व दिया गया है, जिसे निष्ठापूर्वक निभाऊंगी।”

    उन्होंने कहा, “मैं छात्राओं से कहना चाहूंगी कि नामुनकिन कुछ भी नहीं है, कोई भी चीज किसी के लिए भी असंभव नहीं है। सतत प्रयास करते रहें।”

    निधि ने कहा कि युवा पीढ़ी और छात्रों को शिक्षा ग्रहण करने के साथ समाज और राष्ट्र की समस्याओं की तरफ ध्यान देना चाहिए।

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