गिरता रुपया थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी के साथ बुधवार को बाज़ार बंद होने तक रुपए की कीमत 73.34 रुपये प्रति डॉलर तक पहुँच गयी है। रुपये ने अब तक का अपना सबसे निचला स्तर भी छू लिया है, तब रुपया 73.42 रुपये प्रति डॉलर पर था।
सरकार गुरुवार को अंतर मंत्रालय मीटिंग करेगी, जो कि पूरी तरह से रुपये की गिरती कीमत और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों पर आधारित होगी। गौरतलब है कि लगातार गिरते रुपये में अभी तक कोई भी सुधार की गुंजाइश देखने को नहीं मिली है।
आरबीआई ने भी बुधवार से तीन दिवसी द्विमासी गोष्ठी की शुरुआत की है, जिसका मुख्य उद्देश्य यही है कि भारतीय मुद्रा को अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कैसे मजबूत किया जा सके।मालूम हो कि सभी एशियाई मुद्राओं की तुलना में भारतीय मुद्रा फिलहाल सबसे ज़्यादा कमजोर स्थिति में है।
अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में तेल के बढ़ते दामों की वजह से भी भारत की अर्थव्यवस्था पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। ऐसे में आरबीआई जल्द ही इसका कोई न कोई समाधान निकाल लेना चाहती है।
विश्लेषकों का मानना है कि फिलहाल भारतीय मुद्रा को नजदीकी दिनों में कोई राहत नहीं मिलने वाली है। इसी के साथ रुपया अभी 73.93 से 74.31 रुपये प्रति डॉलर के बीच रह सकता है।