अपडेट – 1:20 पीएम
रुपये नें आज 29 पैसे की कमजोरी दिखाते हुए एक डॉलर के मुक़ाबले 72.49 का रेकॉर्ड छुआ। इसके बाद फिर से पैसा बाजार में रुपये के भविष्य को लेकर सवाल उठनें शुरू हो गए हैं।
इसके अलावा शेयर बाजार में भी भारी गिरावट देखनें को मिली है।
शुरुआती घंटों में सेंसेक्स करीबन 400 पॉइंट नीचे गिरकर 36,400 के आस-पास पहुँच गया था।
इसके अलावा निफ्टी करीबन 140 पॉइंट नीचे गिरकर 11,000 के आंकड़े से भी नीचे पहुँच गया है।
9:30 एएम
रुपये ने 27 पैसे गिरकर 72.47 रुपये प्रति डॉलर का आंकड़ा छू लिया है। इसके पहले शुक्रवार को रुपया 72.20 रुपये प्रति डॉलर के भाव पर बंद हुआ था।
रुपया लगातार पिछले 4 हफ्तों से ढलान पर है। पिछले हफ्ते भी रुपये में करीब आधा प्रतिशत की गिरावट दर्ज़ की गयी थी।
ऐसा नहीं है कि इस समय पूरे विश्व में सिर्फ भारतीय मुद्रा ही डॉलर के मुक़ाबले कमजोर हुई है। अब तक अमेरिकी डॉलर की कीमत में करीब 7 प्रतिशत से भी ज्यादा की बढ़ोतरी देखने को मिली है।
इसका मुख्य कारण अमेरिकी आर्थिक व विदेश नीतियाँ है। जिस तरह अमेरिका ने अपने आयात पर लगने वाले कर में इजाफ़ा किया है उससे यह साबित होने लगा है कि अमेरिका वैश्विक बाज़ार पर अपना कब्जा ज्यादा से ज्यादा रखना चाहता है तथा इसी के साथ ही उसने अन्य विदेशी मुदाओं पर दबाव बनाने की भरपूर कोशिशें की हैं।
अर्जेंटीना व तुर्की में आए आर्थिक भूचाल ने इन हालातों को और भी ज्यादा नाज़ुक बना दिया है।
कहा जा रहा है कि दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच छिड़ी जंग का भारत पर क्या असर होगा ये अभी निश्चित नहीं है मगर फिर भी घरेलू मुद्रा इससे प्रभावित जरूर होगी।
अब ये देखना दिलचस्प रहेगा कि भारत ऐसी किसी परिस्थिति का सामना किस प्रकार करता है।