डॉलर के मुक़ाबले अभी रुपया किसी भी तरह से राहत देने के मूड में नहीं है। एक ओर जहाँ रुपया हर दिन अपने नए निम्नतम स्तर को छू रहा है, वहीं दूसरी ओर सरकार इस पर कोई भी ठोस कदम उठाती हुई नज़र नहीं आ रही है।
कल शाम बाज़ार बंद होने तक रुपये की कीमत करीब 72.63 रुपये प्रति डॉलर पर थी जो आज सुबह बाज़ार खुलने पर 26 पैसे गिरकर 72.89 रुपये प्रति डॉलर पर पहुँच गयी।
कमजोर होते रुपये के कारण अंतराष्ट्रीय बाज़ार में भारत को कच्चे तेल के अधिकाधिक दाम चुकाने पड़ रहे हैं।
इसी के साथ अंतर्राष्ट्रीय मार्केट में अपनी पकड़ को और भी ज्यादा मजबूत करने के लिए अमेरिका हर उस देश पर प्रतिबंध लगा देना चाहता है जो कच्चे तेल का निर्यात करते है। अमेरिका या तो खुद ही तेल निर्यातक बनना चाहता है, या फिर अपने ही खेमे के किसी देश को तेल के सबसे बड़े निर्यातक के रूप में देखना चाहता है।
फिलहाल अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल के दाम 81.28 डॉलर प्रति बैरल तक पहुँच गए हैं।
माना जा रहा है कि उत्पादन में कमी भी कच्चे तेल के दामों को और बढ़ा सकती है।
आज भी डॉलर के मुक़ाबले रुपये की कीमत करीब 72.50 से 73.20 रुपये प्रति डॉलर रहने की संभावना है।