कोरोना वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर को लेकर अब विरोध के सुर बिहार में भी शुरू हो गए हैं। यहां इस बात का विरोध किसी और ने नहीं बल्कि भाजपा की सहयोगी जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा ने किया है। पार्टी के मुखिया जीतन राम मांझी ने ट्विटर पर लिखा “वैक्सीन के सर्टिफिकेट पर यदि तस्वीर लगाने का इतना ही शौक़ है तो कोरोना से हो रही मृत्यु के डेथ सर्टिफिकेट पर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर लगाई जाए”। हालांकि बाद में मांझी ने यह ट्वीट डिलीट कर दिया।
बिहार में भाजपा की सहयोगी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा का कहना है कि डेथ सर्टिफिकेट पर भी नरेंद्र मोदी की तस्वीर होनी चाहिए। वाहवाही लूटें आप, गाली सुने कोई और! अब ये नहीं चलेगा। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रवक्ता दानिश रिज़वान ने कहा है कि संवैधानिक संस्थाओं के सुप्रीमो राष्ट्रपति होते हैं, इसलिए वैक्सीन के सर्टिफिकेट पर उन्हीं की फ़ोटो होनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि अगर प्रधानमंत्री की तस्वीर लगानी ही है, तो राष्ट्रपति के साथ साथ स्थानीय मुख्यमंत्री की भी तस्वीर लगाई जानी चाहिए। वैसे वैक्सीन सर्टिफिकेट के साथ डेथ सर्टिफिकेट पर भी फोटो लगी होनी चाहिए। अगर आप वाहवाही लूट रहे हैं, तो गाली सुनने के लिए भी तैयार रहना चाहिए।
“अगर आप वैक्सीन सर्टिफिकेट पर अपना चेहरा चमका रहे हैं तो डेथ सर्टिफिकेट पर भी तो आपकी ही तस्वीर लगेगी न”!
पप्पू यादव ने भी साधा निशाना
अक्सर विवादों में रहने वाले बिहार के नेता पप्पू यादव ने भी बहती गंगा में हाथ धो लिए और ट्वीट कर लिखा की “छपास रोग से भयंकर ग्रस्त प्रधानमंत्री साहब ने कोरोना टीकाकरण प्रमाण पत्र पर भी अपनी मुस्कुराती तस्वीर छपवा ली है। किसी देश में ऐसा नहीं है, कोई राष्ट्राध्यक्ष इतना पतित नहीं है। अगर तस्वीर हो तो राष्ट्रपति की हो, बात सही है प्रधानमंत्री के साथ तो राज्यों के मुख्यमंत्रियों की भी तस्वीर होनी चाहिए।
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में रहते हुए इस मुद्दे को उठाने के लिए मांझी साहब का आभार! प्रधानमंत्री साहब को मालूम होना चाहिए कि वह भारत के राष्ट्राध्यक्ष नहीं हैं।
भाजपा की प्रतिक्रिया
सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री मोदी की फोटो को लेकर उठ रहे सवाल पर भाजपा प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि वैक्सीन सर्टिफिकेट पर नरेंद्र मोदी की फ़ोटो पर आपत्ति जताने वालों को अपना ज्ञान वर्धन करना चाहिए। पहले की महामारियों में भारत को विदेशों पर निर्भर रहना पड़ता था, भारत में पहले किसी वैक्सीन का इजाद नहीं हुआ था। लेकिन पहली बार नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कोरोना वैक्सीन का इजाद बिहार के वैज्ञानिकों ने किया है। हम बहुत हद तक कोरोना को रोकने में सक्षम रहे हैं जिसकी सराहना विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू एच ओ) भी कर रहा है। हम अपने बचाव के साथ दुनिया के दूसरे देशों की मदद भी कर रहे हैं। अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इच्छाशक्ति की वजह से ये हो रहा है तो इसका श्रेय केवल उन्हें जाता है।