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    डिजिटल पेमेंट पर छूट

    सरकार ने डिजिटल पेमेंट करने वालों के लिए जीएसटी में 2 फीसदी छूट दे सकती है। ऐसे में यदि आप क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड या फिर इलेक्ट्रॉनिक वॉलेट से पेमेंट करते हैं तो यह आप के लिए अच्छी खबर हो सकती है। बताया जा रहा है कि सरकार ने​ सिस्टम को पारदर्शी बनाने तथा कैश ट्रांजेक्शन को कम करने के लिए अतिरिक्त जीएसटी को प्रमोट करने के लिए भी यह रिलेक्शेसन दे रही है।

    मीडिया खबरों के अनुसार जनवरी में आयोजित होने वाली जीएसटी काउंसिल की आगामी मीटिंग में इस प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी। इस मीटिंग में यह निर्णय लिया जा सकता है कि केवल ‘बिजनेस टु कंज्यूमर’ लेनदेन पर ही छूट दी जाएगी। संभावना जताई जा रही है कि 2000 से ज्यादा की खरीददारी का बिल पेमेंट आॅनलाइन तरीके से करने पर 2 फीसदी की छूट दी जा सकती है।

    एक सरकारी अधिकारी का कहना है कि मोदी सरकार पूरी तरह से डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देना चाहती है, इसके लिए जीएसटी में छूट के जरिए आॅनलाइन पेमेंट को प्रमोट करने की योजना बनाई गई है। इससे एक साथ दो फायदे देखने को मिलेंगे, एक तो कर चोरी में कमी आएगी दूसरी तरफ जीएसटी अनुपालन में भी सुधार देखने को मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 71वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से देश में कैशलेस इकॉनोमी को बढ़ावा देने की बात कही थी।

    जीएसटी रेट में कुछ ऐसे मिलेगा फायदा

    अगर जीएसटी काउंसिंल की आगामी मीटिंग में उपरोक्त प्रस्ताव हो जाता है तो डिजिटल पेमेंट करने वालों के लिए 18 फीसदी की जीएसटी स्लैब 16 फीसदी रह जाएगी। खबरों के अनुसार छूट की सीमा प्रति लेनदेन पर 100 रूपए तक होगी। ऐसे में 5000 रूपए की खरीददारी करने पर 100 रूपए तक की छूट मिल सकती है।

    गौरतलब है कि नकद भुगतान करने पर उपभोक्ताओं को सामान्य जीएसटी दरें ही उपलब्ध होंगी। जबकि आॅनलाइन पेमेंट करने पर जीएसटी में 2 फीसदी की छूट दी जाएगी। हालांकि जीएसटी में उपभोक्ताओं को दी जाने वाली 2 फीसदी की छूट से सरकारी राजस्व को नुकसान हो सकता है। लेकिन जीएसटी रेट के अनुपालन और डिमांड में सुधार के जरिए इसकी भरपाई की जा सकेगी।

    रिजर्व बैंक के अनुसार पिछले साल नवंबर महीने में इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजेक्शन की संख्या 67 करोड़ थी, इस साल मार्च महीने में यह संख्या बढ़कर 89 करोड़ के आसपास पहुंच गई थी। लेकिन पिछले कुछ महीनों में डिजिटल ट्रांजेक्शन में गिरावट देखने को मिली है, यानि जून महीने में केवल 84 करोड़ ही ट्रांजेक्शन हुए।