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    डार्क वेब dark web in hindi

    विषय-सूचि


    जैसा की आप सभी को पता है इंटरनेट एक काफी बड़ी जगह है जिसका आप अंदाज़ा भी नहीं लगा सकते हैं। आप केवल फेसबुक, गूगल, बीबीसी आइप्लेयर और एमेज़ोन के बारे मैं जानते हैं पर क्या आपको पता है इन सभी वैबसाइटों के पीछे क्या साजिश चल रही होती है।

    डार्क वेब या फिर डीप वेब जो होता है वह एक तरह से छुपा हुआ कोना है। टोर की मदद से आप डार्क वेब और डीप वेब को चला सकते हैं। पर क्या आप लोग सच में इस तरह के वैबसाइट पर जाना चाहेंगे आइए देखते हैं इस तरह की वैबसाइट में क्या क्या होता है।

    डार्क वेब क्या है? (what is dark web in hindi)

    यह एक तरह का शब्द है जो की उन वैबसाइट का कलेक्शन होता है, जो की छुपे हुए नेटवर्क के पीछे होती हैं और यह किसी भी सर्च इंजिन में आसनी से नहीं मिलते ना ही किसी ब्राउज़र में मिलती हैं। ज़्यादातर डार्क वेब वाली जो वैबसाइट होती हैं वह टोर एंक्रिप्शन टूल की मदद से अपनी पहचान को छुपाती हैं।

    आपको भी पता ही होगा हम टोर का इस्तेमाल अपनी पहचान और कार्य छुपाने के लिए करते हैं। टोर की मदद से आप अपनी लोकेशन को भी छुपा सकते हैं और अपनी लोकेशन कहीं ओर दिखा सकते हैं, यह फिर आपकी लोकेशन किसी और देश में दिखा देगा। यह टोर भी एक तरह से वीपीएन सर्विस की तरह ही होता है।

    जब भी हम किसी वैबसाइट को टोर की मदद से चलाते हैं यह भी उसी तरह चलता है जैसे की गूगल आदि सर्च इंजिन में कोई वैबसाइट चलती है। डार्क वेब की किसी भी वैबसाइट को चलाने के लिए आपको टोर का इस्तेमाल करना ही पड़ेगा क्योंकि इसके बिना आप किसी भी वैबसाइट पर नहीं जा सकते जो की डार्क वेब की श्रेणी में आती है।

    जब भी आप टोर में ऐसी वैबसाइट चलाएँगे उसमे काफी तरह के आईपी एड्रैस बार बार बदलेंगे उसके बाद वह उस वैबसाइट को चला देगा। इसमे काफी परतों में मैगनीट्यूड़ होता है जिससे की इसमे वैबसाइट की सुरक्षा बनी रहे और पहचान छुपी रहे और हम आसानी से उस वैबसाइट को बिना किसी मुसीबत के चला सकें।

    इस तरीके से हम डार्क वेब की वैबसाइट पर तो जा सकते हैं लेकिन उन साइटों के पीछे कौन काम कर रहा है यह पता लगाना और उसके साथ काम करना काफी मुश्किल होता है। यदि आप गलती से फिसल गए और आपकी जानकारी और पहचान किसी को उस पर पता लग गयी तो यह आपके लिए काफी मुश्किल और खतरनाक हो सकता है।

    डार्क वेब की जरूरत (need of dark web in hindi)

    हर डार्क वैबसाइट टोर का इस्तेमाल नहीं करती। कुछ लोग आई2पी जैसी सर्विस इस्तेमाल करते हैं जैसे की सिल्क रोड रीलोडेड। पर इसका तरीका भी वही होता है जो की टोर में होता है उसी तरह से यह वैबसाइट खोलता है।

    उपयोगकर्ता को सही से टूल का इस्तेमाल करना होता है जिससे की वह उस यूआरएल और आईपी एड्रैस पर जा सके जिस पर उसको जाना है। लेकिन हाँ आपको इस पूरे कार्य की अच्छे से जानकारी होनी चाहिए जिससे की आप इसका सही से इस्तेमाल कर सकें। जैसे की सिल्क रोड नाम की जो साइट है वह भी डार्क वेब की ही वैबसाइटों में से एक वैबसाइट है।

    इस वैबसाइट का इस्तेमाल ड्रग्स आदि जैसे खतरनाक चीजों को खरीदने और बेचने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। पर हाँ इस तरह की वैबसाइट को इस्तेमाल करने के भी कुछ वैध तरीके होते हैं। कुछ लोग डार्क वेब का इस्तेमाल विश्व से बाहर रहने वाले लोगों से बात या संपर्क करने के लिए भी करते हैं।

    नजदीकी सूत्रों से पता चला है की यूएस और यूके के गुप्तचर संपर्क के लिए डार्क वेब का इस्तेमाल करते हैं। डार्क वेब सुर्खियों में अगस्त 2015 में आई थी जब यह बताया गया था की ऐशले मैडीसन वैबसाइट का 10 जीबी डाटा चुरा लिया गया है और डार्क वेब पर पटक दिया गया है।

    यह साइट उनके लिए थी जो बीवियाँ अपने पति से ऊबी हुई और परेशान थी तो उनसे धोखा करने के लिए उन औरतों के मजे लिए इस साइट को बनाया गया था। हैकरस ने इस साइट का डाटा चुरा लिया था और उसके मालिक को बोला था अगर यह साइट नहीं बंद की गयी तो इसका सारा डाटा वेब पर अपलोड कर दिया जाएगा।

    इसके बाद ऐशले मैडीसन के उपयोगकर्ताओं के पास ब्लैकमेल आने लगे की या तो आप $2500 के बिटकोइन दे नहीं तो आपकी इज्ज़त सबके सामने उतार दी जाएगी।

    इसके बाद 2015 में यूके की सरकार ने एक साइबरक्राइम इकाई का निर्माण किया, जो की डार्क वेब को संभाल सके और इस तरह के अपराध से छुटकारा पा सकें और बच्चो की अश्लीलता फैलाने वाली साइट भी बंद हो जाएँ।

    डीप वेब क्या है (deep web in hindi)

    डीप वेब उस तरह के वेब पेज को कहा जाता है जो की समान्य सर्च इंजिन नहीं चला सकता। इसलिए डीप वेब जो होता है उसमे डार्क वेब भी शामिल है यह सभी उपयोगकर्ताओं के डेटाबेस, वेबमेल पेज, रजिस्ट्रेशन वेब फॉरम आदि का पूरा हिसाब रखते हैं।

    इस तरह की वैबसाइट हमारे सर्च इंजिन पर प्रतिबंधित होती है हम इन्हे समान्य सर्च इंजिन से नहीं चला सकते।

    जैसे की पासवर्ड आदि जो होते हैं बैंक और अलग अलग जगह पर सुरक्षा के लिए काम आते हैं वह भी डार्क वेब के पीछे ही होते हैं जिससे की उनका किसी को पता नहीं लग सके।

    डार्क इंटरनेट क्या है (dark internet in hindi)

    यह एक तरह का शब्द है जो की नेटवर्क, डेटाबेस, वैबसाइट आदि के उदाहरण के लिए होता है जो की समान्य इंटरनेट से हम नहीं चला सकते।

    इसी वजह से हर साइट की एक नाईच इन्फॉर्मेशन होती है जो की एक तरह का प्राइवेट डाटा होता है। इस तरह के शब्द डार्क वेब और डीप वेब केवल अखबारों द्वारा ही इस्तेमाल किए जाते हैं खबरों को कुरकुरी बनाने के लिए जिससे की यह चीज़ें लोगों को काफी खतरनाक लगें। डार्क इंटरनेट एक पकाऊ जगह है जहाँ पर वैज्ञानिक अपने डाटा को छुपा कर रखते हैं।

    डार्क वेब या इससे सम्बंधित आपका कोई भी सवाल या सुझाव है, तो आप उसे नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।

    3 thoughts on “डार्क वेब क्या है? इंटरनेट, वेबसाइट की जानकारी”
    1. Agar koi search engines bhi dark websites ko detect nhi kar paate to fir hum in sites tak kaise pahuch sakte hain?
      Kya inhe surf karne ke liye koi special software ki zarurat hoti h?

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