Mon. Dec 23rd, 2024
    डायनामिक होस्ट कॉन्फ़िगरेशन प्रोटोकॉल dhcp in hindi

    विषय-सूचि

    DHCP क्या है? (dhcp server in hindi)

    डायनामिक होस्ट कॉन्फ़िगरेशन प्रोटोकॉल यानी DHCP एक एप्लीकेशन लेयर प्रोटोकॉल है जिसका प्रयोग इन चीजों की सुविधा देने के लिए किया जाता है:

    1. सबनेट मास्क (आप्शन 1 – e.g., 255.255.255.0)
    2. राऊटर एड्रेस (आप्शन 3 – e.g., 192.168.1.1)
    3. DNS एड्रेस (आप्शन 6 – e.g., 8.8.8.8)
    4. वेंडर क्लास आइडेंटिफायर (आप्शन 43 – e.g., ‘unifi’ = 192.168.1.9 ##जहां, unifi = कंट्रोलर)

    DHCP डिस्कवरी, ऑफर, रिक्वेस्ट और ACK और क्लाइंट-सर्वर मॉडल पर आधारित है। सर्वर के लिए DHCP पोर्ट संख्या 67 है और क्लाइंट के लिए 68. ये एक ऐसा क्लाइंट-सर्वर प्रोटोकॉल है जो UDP की सर्विस को प्रयोग करता है।

    एड्रेस के पूल में से IP एड्रेस को असाइन किया जाता है। DHCP में कनेक्शन स्थापित करने के लिए क्लाइंट और सर्वर चार DHCP मैसेज का आदान-प्रदान करते हैं। इसे DORA प्रक्रिया भी कहा जाता है लेकिन यहाँ 8 DHCP मैसेज प्रोसेस में रहते हैं।

    DHCP के मैसेज (dhcp configuration in hindi)

    DHCP के सारे मैसेज और साथ ही उनका विवरण नीचे दिया गया है:

    • HCP discover मैसेज–
      ये सर्वर और क्लाइंट के बीच में संचार की प्रक्रिया में generate होने वाला पहला मैसेज होता है। इस मैसेज को क्लाइंट होस्ट द्वारा generate किया जाता है ताकि नेटवर्क के अंदर अगर कोई DHCP सर्वर मौजूद है या नहीं। इस मैसेज को नेटवर्क में DHCP सर्वर खोजने के लिए सभी डिवाइस को ब्रॉडकास्ट किया जाता है। ये मैसेज 342 या 576 बाइट लम्बा होता है।जैसा कि उपर चित्र में दिखाया गया है, सोर्स मैक एड्रेस (क्लाइंट PC) 08002B2EAF2A है और डेस्टिनेशन मैक एड्रेस (सर्वर) FFFFFFFFFFFF है। सोर्स IP एड्रेस 0.0.0.0 है (क्योंकि अभी तक PC के पास कोई IP एड्रेस नही है) और डेस्टिनेशन IP एड्रेस 255.255.255.255 (ब्राडकास्टिंग के लिए प्रयोग होने वाला IP एड्रेस)। जब डिस्कोवर मैसेज को नेटवर्क में किसी DHCP सर्वर की मौजूदगी का पता लगाने के लिए ब्रॉडकास्ट किया जाएगा, तो ब्रॉडकास्ट IP एड्रेस और MAC एड्रेस का प्रयोग होता है।
    • DHCP offer मैसेज–
      इस मैसेज के द्वारा सर्वर रिस्पांस देगा और नया IP एड्रेस दुसरे TCP कॉन्फ़िगरेशन सम्बन्धित सूचनाओं को भी भेजगा। इस मैसेज को सर्वर द्वारा ब्रॉडकास्ट किया जाता है। इस मैसेज का आकार 342 बाइट होता है। अगर नेटवर्क में एक से ज्यादा DHCP सर्वर मौजूद हैं तो क्लाइंट सबसे पहले जिसका मैसेज प्राप्त होगा उसे ही स्वीकार करेगा। पैकेट में एक सर्वर ID भी होती है जो सर्वर की पहचान बताती है।
      अब ऑफर मैसेज के लिए सोर्स IP एड्रेस है 172.16.32.12 (उदाहरण में सर्वर का IP एड्रेस) और डेस्टिनेशन IP एड्रेस है 255.255.255.255 (ब्रॉडकास्ट IP एड्रेस), सोर्स मैक एड्रेस है 00AA00123456 और डेस्टिनेशन मैक एड्रेस है FFFFFFFFFFFF. यहाँ ऑफर मैसेज को DHCP एर्वर द्वारा ब्रॉडकास्ट किया जाएगा, इसीलिए डेस्टिनेशन IP एड्रेस ही ब्रॉडकास्ट IP एड्रेस होगा और मैक एड्रेस सर्वर का मैक एड्रेस होगा।इसके अलावा सर्वर ने IP एड्रेस 192.16.32.51 ऑफर किया है और समय होगा 72 घंटा (इस अंतराल के बाद होस्ट की एंट्री सर्वर से अपने-आप मिटा दी जाएगी)। और सभी मैसेज के लिए क्लाइंट आइडेंटिफायर होगा PC मैक एड्रेस (8002B2EAF2A)।
    • DHCP request मैसेज–
      जब कोई क्लाइंट कुछ ऑफर मैसेज प्राप्त करता है तो ये एक DHCP रिक्वेस्ट मैसेज को ब्रॉडकास्ट कर के रिस्पांस देता है। अब क्लाइंट एक ARP प्रोडूस करेगा जो ये देखेगा कि उस समान IP एड्रेस का कोई होस्ट नेटवर्क में मौजूद है कि नहीं। अगर दूसरे होस्ट द्वारा कोई प्रयुत्तर नहीं दिया जाएगा तो ये मन जाएगा कि समान TCP कॉन्फ़िगरेशन के साथ नेटवर्क में कोई होस्ट नहीं है। अब मैसेज को वापस सर्वर के पास ब्रॉडकास्ट कर दिया जाएगा जो कि IP एड्रेस की स्वीकृति दिखाएगा। मैसेज में एक क्लाइंट ID भी जोड़ दिया जाता है।
      अब रिक्वेस्ट मैसेज को क्लाइंट PC द्वारा generate किया जाएगा इसीलिए सोर्स IP एड्रेस होगा 0.0.0.0 (क्योंकि अभी क्लाइंट के पास कोई IP नहीं है) और डेस्टिनेशन IP एड्रेस होगा 255.255.255.255 (ब्रॉडकास्ट IP एड्रेस) और सोर्स का मैक एड्रेस होगा 08002B2EAF2A (PC मैक एड्रेस) और डेस्टिनेशन मैक एड्रेस होगा FFFFFFFFFFFF.नोट– इस मैसेज को PC द्वारा ARP रिक्वेस्ट ब्रॉडकास्ट करने के बाद बाद भेजा जाएगा ताकि ये पता लगाया जा सके कि ऑफर किया हुआ IP कहीं कोई और होस्ट तो प्रयोग नहीं कर रहा। अगर कोई उत्तर नहीं आयेगा तो क्लाइंट होस्ट सर्वर के लिए DHCP रिक्वेस्ट मैसेज ब्रॉडकास्ट करेगा जो कि IP की स्वीकृति दिखेगा।
    • DHCP acknowledgement मैसेज–
      प्राप्त किये गये रिक्वेस्ट मैसेज के उत्तर में सर्वर एक ख़ास क्लाइंट ID के साथ एंट्री करेगा और ऑफर किये हुए IP एड्रेस को लीज समय के साथ जोड़ देगा। अब क्लाइंट के पास सर्वर द्वारा दिया गया IP एड्रेस होगा।
      अब सर्वर ऑफर किये हुए IP एड्रेस और लीज टाइम के साथ क्लाइंट होस्ट की एंट्री करेगा। इस IP एड्रेस को सर्वर द्वारा अब किसी भी होस्ट को नहीं दिया जाएगा। डेस्टिनेशन मैक एड्रेस होगा FFFFFFFFFFFF और डेस्टिनेशन मैक एड्रेस होगा 172.16.32.12 और सोर्स मैक एड्रेस होगा 00AA00123456 (सर्वर मैक एड्रेस) और डेस्टिनेशन IP एड्रेस होगा 255.255.255.255
    • DHCP नेगेटिव acknowledgement मैसेज–
      जब भी DHCP सर्वर स्कोप द्वारा इनवैलिड करार दिए गये IP एड्रेस के लिए कोई निवेदन प्राप्त करता है तो वो NAK मैसेज क्लाइंट को भेज देता है। जैसे, जब सर्वर के पास कोई खाली IP एड्रेस नहीं हो या पूल पूरा खाली हो तब ये मैसेज सर्वर से क्लाइंट तक जाता है।
    • DHCP decline –
      जब DHCP क्लाइंट इस बात का फैसला कर लेता है कि ऑफर किया हुआ कॉन्फ़िगरेशन पैरामीटर अलग है या फिर इनवैलिड,तो ये सर्वर को डिक्लाइन मैसेज भेजता है। जब किसी भी होस्ट से क्लाइंट तक कोई ARP रिक्वेस्ट आता है तो क्लाइंट सर्वर को डिक्लाइन मैसेज भेज कर बताता है कि ऑफर किया हुआ IP एड्रेस पहले से ही प्रयोग में है।
    • DHCP release –
      DHCP क्लाइंट सर्वर को रिलीज़ मैसेज तब भेजता है जब IP एड्रेस को रिलीज़ कर के बचे हुए लीज टाइम को रद्द करना होता है।
    • DHCP inform –
      जब किसी क्लाइंट एड्रेस ने खुद से IP एड्रेस प्राप्त किया है तो क्लाइंट DHCP इन्फॉर्म का प्रयोग करता है ताकि वो बांकी लोकल कॉन्फ़िगरेशन पैरामीटर को प्राप्त कर सके, जैसे कि डोमेन नेम इत्यादि। DHCP इन्फॉर्म मैसेज के रिप्लाई में DHCP एर्वर एक DHCP ack मैसेज बनता है जिसमे क्लाइंट के लिए सूट किया हुआ लोकल कॉन्फ़िगरेशन रहता है। (बिना IP एड्रेस के)। ये DHCP ack मैसेज क्लाइंट तक जाने वाला एक यूनीकास्ट मैसेज होता है।

    नोट-सभी मैसेज DHCP रिले एजेंट द्वारा भी यूनीकास्ट हो सकते हैं अगर सर्वर किसी दूसरे नेटवर्क में बैठा तो तब।

    DHCP के फायदे और खामियां

    DHCP के निम्नलिखित फायदे हैं:

    • सारे IP एड्रेस का सेंट्रलाइज्ड प्रबंधन।
    • नेटवर्क में नये क्लाइंट्स को आसानी से जोड़ा जा सकता है।
    • एड्रेस को फिर से प्रयोग किया जाता है जिसके कारण जरूरी IP एड्रेस की संख्या घट जाती है।
    • बिना सभी क्लाइंट को फिर से कॉन्फ़िगर किये हुए DHCP सर्वर में IP एड्रेस स्पेस का रिकॉन्फ़िगरेशन किया जा सकता है।

    DHCP प्रोटोकॉल नेटवर्क के संचालक को एक सेंट्रलाइज्ड क्षेत्र द्वारा नेटवर्क को कॉन्फ़िगर करने की क्षमता प्रदान करता है। DHCP की मदद से नये उपयोगकर्ताओं को भी आसानी से हैंडल किया जा सकता है और IP एड्रेस को फिर से प्रयोग किया जा सकता है।

    DHCP की खामी:

    • इसमें एक से ज्यादा IP एड्रेस के बीच टकराव हो सकता है।

    इस लेख से सम्बंधित यदि आपका कोई भी सवाल या सुझाव है, तो आप उसे नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।

    By अनुपम कुमार सिंह

    बीआईटी मेसरा, रांची से कंप्यूटर साइंस और टेक्लॉनजी में स्नातक। गाँधी कि कर्मभूमि चम्पारण से हूँ। समसामयिकी पर कड़ी नजर और इतिहास से ख़ास लगाव। भारत के राजनितिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक इतिहास में दिलचस्पी ।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *