बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने अपने बयान में कहा कि सभी पार्टियों के लिए यह चिंतन का समय है, जिन्होंने मुस्लिम महिलाओ को केवल अपनी राजनीती के लिए वोट बैंक के आधार पर रखा हुआ है।
अमित शाह ने ट्रिपल तलाक के कानून के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की। उन्होंने ट्वीटर के जरिये बताया कि यह कानून मुस्लिम महिलाओ को गरिमा के साथ रहने की अनुमति देता है।
उन्होंने यह भी कहा कि जो पुरुष ट्रिपल तलाक करता है यह कानून उस अपराध से पीड़ित महिलाओ को मजबूत करने के लिए एक बड़ा कदम है।
कांग्रेस के बारे में बोलते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि कांग्रेस के नेता कपिल सिब्बल ने इस कानून का सुप्रीम कोर्ट में बचाव किया था। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस ने ट्रिपल तलाक को वोटो के लिए राजनीतिक मुद्दा बनाया था।
याचिकाकर्ता इशरत इस कानून को अपनाते हुए अपनी 13 वर्ष की बेटी तथा 7 वर्ष के बेटे के साथ अदालत में चली गयी। 2014 में उनके पति ने दुबई से ही उन्हें तलाक दे दिया था।
वही दूसरी तरफ अखिल भारतीय मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन पार्टी के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह कानून मुस्लिम महिलाओ के लिए ओर ज्यादा अन्याय का कारण बनेगा।
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का कहना था अगर कोई इन्सान ट्रिपल तलाक करता है तो उसकी शादी खत्म नहीं की जाएगी , उन्होंने साथ में यह भी पूछा कि क्या कोर्ट उसे दंड देगा। ओवैसी के मुताबिक इससे सबूतों का बोझ महिलाओ पर आ जायेगा। एक पुरुष द्वारा तलाक दी हुई महिला को गुजारे के लिए पुरुष पैसे देता है तथा वो 3 साल के लिए जेल चला जायेगा तो वहा से कैसे खर्चा देगा। अखिल भारतीय मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य ओवैसी ने अपनी राय दी कि बोर्ड को सुप्रीम कोर्ट के आदेश को चुनौती देनी चाहिए।
ओवैसी ने साथ में प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुआ बोला अगर प्रधानमंत्री सच में महिलाओ के बारे में सोचते हैं तो उन्हें 22 लाख हिन्दू महिलाओ के साथ जो भी महिलाये अपने पतियों द्वारा छोड़ी गयी उन 24 लाख महिलाओ के लिए एक ही कानून लाना चाहिए। ट्रिपल तलाक कानून लाना बीजेपी सरकार की खाली एक योजना थी जिसके पीछे सरकार पेट्रोल के बढ़ते दामो को, बेरोजगारी को, कश्मीर का मुद्दा इन सबको छिपा रही है।