ट्राई के नए निर्देशों के बाद अब मोबाइल कंपनीयों को मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी की प्रक्रिया को महज़ दो दिन में पूरा करना होगा। अभी तक टेलीकॉम कंपनीयां इस प्रक्रिया को पूरा करने में हफ्ते भर से भी ज़्यादा का समय ले लेती थी।
मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी की सुविधा ग्राहक को बिना अपना नंबर बदले हुए किसी अन्य ऑपरेटर की सुवधा का लाभ लेने की आज़ादी देता है।
ऑपरेटरों द्वारा इस प्रक्रिया को दो चरणों में पूरा किया जाता है, पहले चरण में वर्तमान ऑपरेटर ग्राहक की जानकारी को उस ऑपरेटर को देता है जिसकी सुविधा का लाभ अब ग्राहक लेना चाहता है तथा दुसरे चरण में वो दूसरा ऑपरेटर ग्राहक को अपने साथ जोड़ने सम्बन्धी आगे की प्रक्रिया आरम्भ कर सकता है। अब ये दोनों ही चरण सिर्फ दो दिन में ही पूरे करने होंगे।
हालाँकि यदि ग्राहक इसी सुविधा का लाभ लेकर अपना सर्किल भी बदलना चाहता है तो उसे 4 दिन का इंतज़ार करना होगा।
ट्राई ने ऐसे किसी भी केस में प्रति केस की दर से 5000 का दंड भी लगाया है, ये जुर्माना सम्बंधित ऑपरेटर से ही वसूला जायेगा।
जाहिर है कि कोई भी टेलीकॉम ऑपरेटर अपने ग्राहको को जाने नहीं देना चाहता है और यही वजह है कि टेलीकॉम कम्पनियाँ पोर्टेबिलिटी के दौरान ग्राहकों को परेशन करती हैं। कई बार तो ये होता है कि ग्राहक इस सुविधा का लाभ उठा ही नहीं पता है।
इसी के मद्देनजर ट्राई ने टेलीकॉम ऑपरेटरों से ये कहा है कि इस दौरान इस बात का खास खयाल रखा जाये कि ग्राहकों को किसी भी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े।
आपकों बताते चलें कि भारत में टेलीकॉम सर्विस को सर्कल में बाँटा गया है, जिससे इसे संचालन करना चुनौतीपूर्ण है।
इसी के साथ ट्राई ने कहा है कि “इस सुविधा के शुल्क के रूप में ग्राहकों को अधिकतम 4 रुपये ही बतौर फीस देने होंगे।” हालाँकि एमएनपी की शुविधा से ग्राहकों को बेहद फायदा पहुंचा है।