केंद्रीय दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा ने बुधवार को कहा है कि “टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) का नाम बदलकर अब ‘डिजिटल कम्युनिकेशन रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (DCRAI)’ किया जाएगा।”
इसी के साथ उन्होने ट्राई के चेयरमैन से मज़ाक करते हुए कहा कि “अब मुझे आपको ‘डिजिटल कम्युनिकेशन रेग्युलेटर’ बुलाना चाहिए।”
जब दूरसंचार मंत्री से ये पूछा गया कि ये बदला हुआ नाम कब तक प्रभावी रूप से सामने आयेगा, उन्होने जवाब में बताया कि जल्द ही इसकी औपचारिकतायें पूरी कर ली जाएंगी।
इसके पहले दूरसंचार मंत्री ने दूरसंचार आयोग का नाम भी बदलकर डिजिटल संचार आयोग कर दिया था। उन्होने साथ में ही बताया कि दूरसंचार की आधुनिक संरचना ने देश में दूरसंचार के लिए एक नया बाज़ार खड़ा कर दिया है। इसी के साथ 2006 में करीब 1 लाख टावर के साथ आज करीब 4.71 टावर लग चुके हैं।
उन्होने बताया कि सरकार द्वारा निर्धारित नयी पॉलिसी जल्द ही अमल में लायी जाएगी।
दूरसंचार के क्षेत्र की अधिकारिक संरचना को बेहतर रूप बरकरार रखना अब बेहद जरूरी हो गया है। देश इस समय बहुत ही तेज़ी से डिजिटलीकरण की ओर अग्रसर है, जिसका नतीजा ये हुआ है कि देश में 3जी नेटवर्क की तुलना में 4जी नेटवर्क ने कई गुना ज्यादा तेज़ी से विकास किया।
पिछले 8 से 10 वर्षों से टेलीकॉम बाज़ार में गजब का उछाल देखने को मिला है, जिसके चलते देश में कई विदेशी कंपनीयों ने निवेश किया है। निवेश के साथ ही घरेलू कंपनीयों के बाज़ार में बढ़ते दखल की वजह से टेलीकॉम सेक्टर में गजब की प्रतिस्पर्धा देखने को मिली है। जिसका फायदा आखिर में ग्राहकों को सस्ते टैरिफ़ के रूप मे मिला है।
2 साल पहले रिलायंस जियो द्वारा लायी गयी सस्ती 4जी सेवा से न सिर्फ भारत 4जी सेवा में दुनिया का सबसे बड़ा बाज़ार बन गया है, बल्कि एक रिपोर्ट के अनुसार इस समय भारत में हो रही डाटा की खपत दुनिया के किसी भी देश की तुलना में ज्यादा है।