विषय-सूचि
ट्रांसमिशन मीडिया के प्रकार (types of transmission media in hindi)
डाटा कम्युनिकेशन का मतलब है की ट्रंजमिशन मीडियम एक फ़िज़िकल पाथ है जो की ट्रांसमिटर और रिसीवर के बीच में होता है इसमें चैनल की मदद से डाटा को एक जगह से दूसरी जगह भेजा जाता है।
यह कुछ भागों में बाँटा जाता है वह कुछ इस प्रकार है –
गाइडेड मीडिया (guided media in hindi)
इसको हम वायर्ड और बाउंडेड ट्रंजमिशन मीडिया के नाम से भी जानते हैं।
जिस भी तरह का सिग्नल ट्रांसमीट किया जाता है वह सकड़े पाथ्वेय की मदद से उस डाटा को भेजा जाता है।
इसके कुछ मुख्य फायदे है वह हैं – तेज़ गति, सुरक्षा और यह छोटी दूरी के लिए काम आते हैं।
तीन प्रकार के गाइडेड मीडिया होते हैं वह हैं –
1. ट्विस्टेड पेयर केबल (twisted pair cable in hindi)
यह दो तरह के इंसुलटेड कंडक्टर वायर का इस्तेमाल करता है। इन्हे सुरक्षित शीट के माध्यम से सुरक्षा भी दी जाती है। यह सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला ट्रंजमिशन मीडिया है। यह दो तरह के होते है –
उनशिएलदेड ट्विस्टेड पेयर (unshielded twisted pair in hindi)
इस तरह की केबल फालतू की इंटरफेरेंस को रोकने के लिए इस्तेमाल की जाती है।
यह टेलेफोनिक ऐपलीकेशन में काफी इस्तेमाल की जाती है। इसके कुछ फायदे हैं जैसे की यह सस्ता है, इसे हम आसानी से इन्स्टाल कर सकते हैं और इसकी गति की क्षमता काफी तेज़ है।
इसके कुछ नुकसान भी हैं जैसे की यह बाहरी इंटेर्फ़ेरेस के लिए सहायक नहीं होता है।
शीलदेड ट्विस्टेड पेयर (shielded twisted pair in hindi)
इस तरह के केबल एक मुख्य जैकेट को इस्तेमाल करते हैं जो की बाहरी इंटेर्फ़ेरेंस को रोकने का काम करता है।
यह तेज़ डाटा रेट ईथर्नेट और वोइस एवं डाटा चैनल को टेलीफ़ोन लाइन की मदद से इस्तेमाल करता है।
इसके कुछ फायदे हैं जैसे की ज्यादा डाटा को अच्छी गति से चलाना, क्रॉसटॉक को हटाना और इसका तेज़ गति से इस्तेमाल करना।
इसके कुछ नुकसान भी हैं जैसे की यह इन्स्टाल करने में थोड़ा मुश्किल है और थोड़ा महंगा भी है।
2. कोअक्षीयल केबल (coaxial cable in hindi)
कोअक्षीयल केबल एक लोकप्रिय तार है जो की औडियो और विज्वल कामों के लिए टीवी और वीसीआर में काम आता है। यह उतना पर्फेक्ट नहीं है पर फिर भी यह काफी उपकरणों में इस्तेमाल हो सकता है।
इसलिए यह एलेक्ट्रोनिक बाज़ार में काफी लोकप्रिय है। उपयोगकर्ता को पर यह समझना चाहिए की कोअक्षीयल केबल कैसे काम करती है।
यह तांबे से बना हुआ तार होता है जो की चार परतों में होता है। केबल का जो बीच का हिस्सा होता है वह पतली तार का बना हुआ होता है।
इस तार को फिर प्लास्टिक की परत से ढक दिया जाता है। जो बाकी दो परत होती है वह मेश की होती है।
उसके बाद जो सबसे ऊपर की परत होती है वह रबर की होती है। केबल का हर आखिरी भाग तांबे की पतली परत से निकला हुआ होता है जिसे हम बिजली के उपकरणों में लगाते हैं।
3. ऑप्टिकल फाइबर केबल (optical fiber cable in hindi)
ऑप्टिकल फाइबर केबल लाइट के रिफलेकशन को इस्तेमाल करता है एक कोर की मदद से जोकि ग्लास या फिर प्लास्टिक की बनी हुई होती है।
इस पर एक प्रकार की परत छड़ी हुई होती है जिसे हम क्लैडींग के नाम से जानते हैं। इसके कुछ फायदे हैं जैसे की बढ़ती हुई बेंड्विड्थ, हल्का वजन और सिग्नल को सही से इस्तेमाल करना।
इसके कुछ नुकसान हैं जैसे की यह इन्स्टाल करने में कठिन होता है और इसकी कीमत भी ज्यादा होती है।
अनगाइडेड मीडिया (unguided media in hindi)
यह वायेरलेस मीडिया और अनबौंडेड ट्रंजमिशन मीडिया के रूप में इसका इस्तेमाल करते हैं।
एल्क्ट्रोमेगनेटिक सिग्नल के लिए हमें किसी मीडियम की जरूरत नहीं पड़ती।
इसमे सिग्नल हवा के द्वारा भेजा जाता है और यह थोड़ा कम सुरक्षित भी है। यह लंबी दूरी के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।
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Sir unguided media ka types nhi bataye n
Content aapka bahut achha hai