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    डोनाल्ड ट्रम्प

    अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात में सैनिको की तैनाती को मंज़ूरी दे दी है। अमेरिका के रक्षा सचिव मार्क एस्पर ने कहा कि “राष्ट्रपति ने रक्षात्मक प्रकृति की अमेरिकी सेना की तैनाती को मंज़ूरी दी है और इसका प्रमुख फोकस वायु और मिसाइल रक्षा पर होगा।”

    अमेरिकी रक्षा सचिव ने कहा कि “अमेरिका ईरान के साथ जंग नहीं चाहता है लेकिन कई अन्य विकल्प मौजूद है। ड्रोन और मिसाइल के हमले से सल्तनत  को एक परतीय रक्षा से सुरक्षित किया जा सकता है। हालाँकि ऐसे सभी हमलो को कोई भी प्रणाली नहीं रोक सकती है।”

    अमेरिका और सऊदी अरब के ख़ुफ़िया विभाग बीते सप्ताहंत अरामको की दो तेल कंपनियों पर हुए हमले की जांच कर रहे थे। शुरूआती जांच के मुताबिक यमन से हमला नहीं किया गया था बल्कि ईरान से लांच किया गया था। सऊदी के इस हमले की जिम्मेदारी हौथी विद्रोहियों ने ली थी।

    ईरान ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को ख़ारिज कर दिया है और दोनों देशो के आरोपों को बेबुनियाद और बेतुका करार दिया है।

    माइक पोम्पियो और माइक पेन्स ने सऊदी की तेल कंपनियों पर ड्रोन हमले की आलोचना की थी। माइक पेन्स ने कहा कि “ट्रम्प ने तथ्यों की समीक्षा की और अगले कदम के बारे में वह निर्णय लेंगे। लेकिन अमेरिकी नागरिक भरोसा कर सकते हैं कि अमेरिका इस क्षेत्र में अपने हितो की रक्षा कर रहा है और अपने सहयोगियों के साथ खड़े हैं।”

    सीएनएन को दिए एक विशेष इंटरव्यू में में जरीफ ने कहा कि “ईरान संघर्ष से बचने की उम्मीद रखता है और देश अपने क्षेत्रीय विरोधी से बातचीत करने की इच्छा रखता है इसमें सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात शामिल है।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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