Sat. Nov 23rd, 2024
    अमेरिकी राष्ट्रपति

    अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन के सत्ता में आने के बाद से ही उन्होंने मुस्लिम बाहुल्य देशों के लोगों के अमेरिका आने पर प्रतिबंध लगा दिया था। कुछ मुस्लिम देशों के लोगों पर ट्रम्प द्वारा अमेरिका में प्रवेश न करने की नीति पर दुनिया के देशों ने काफी आलोचना की थी। ट्रम्प के इस निर्णय को मुस्लिम विरोधी के रूप में देखा गया था।

    लेकिन अब ट्रम्प प्रशासन ने 11 हाई रिस्क वाले देशों के शरणार्थियों के ऊपर लगाए गए प्रतिबंधों को हटाने की घोषणा की है। मंगलवार को अधिक खतरे वाले 11 देशों के शरणार्थियों को राहत प्रदान करते हुए ट्रम्प प्रशासन ने उन पर लगे हुए प्रतिबंधों को हटाने का फैसला किया है। लेकिन इन 11 देशों के लोगों को अमेरिका मे आने के लिए सख्त प्रवेश प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा।

    11 देशों में 10 मुस्लिम बहुसंख्यक देश और उत्तर कोरिया शामिल है। इन देशों के लोगों के अमेरिका आने पार ट्रम्प प्रशासन ने प्रतिबंध लगाया था। अब प्रतिबंध हटाने के बाद भी इन देशों के लोगों को कड़ी सुरक्षा प्रक्रिया व मुश्किल जांच से गुजरना पड़ेगा।

    होमलैंड सिक्योरिटी सेक्रेटरी क्रिस्टजेन नेल्सन ने कहा है कि यह काफी महत्वपूर्ण है कि हमें पता होना चाहिए कौन अमेरिका मे प्रवेश कर रहा है। अतिरिक्त सुरक्षा उपायों को लगाना अमेरिका के हित में है ताकि इन देशों के बुरे शरणार्थी हमारे देश आकर गलत फायदा न उठा सके। हम हमारी मातृभूमि की सुरक्षा के लिए हरसंभव सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित करेंगे।

    ट्रम्प प्रशासन की संशोधित शरणार्थी नीति में अक्टूबर में प्रतिबंध लगाने वाले 11 देशों को आधिकारिक रूप से पहचान तो नहीं मिली है। लेकिन इन 11 देशों में मिस्र, ईरान, इराक, लीबिया, माली, उत्तरी कोरिया, सोमालिया, दक्षिण सूडान, सूडान, सीरिया और यमन शामिल माने जाते है। इन देशों के शरणार्थियों पर ही अमेरिका ने प्रतिबंध लगाया था।

    मुस्लिम देशों पर प्रतिबंध लगाना टारगेट नहीं

    ट्रम्प प्रशासन का कहना है कि अमेरिका द्वारा 11 देशों के शरणार्थियों पर लगाए गए प्रतिबंधों का उद्देश्य मुस्लिम देशों को टारगेट करना नहीं है। इन प्रतिबंधों का संबंध धर्म से बिल्कुल भी नहीं है। राष्ट्रपति बनने के बाद से ही ट्रम्प ने सभी देशों के अप्रवासियों और शरणार्थियों पर मुश्किल रुख अपनाया है।

    ट्रम्प का मानना है कि अमेरिका पर सिर्फ अमेरिकी लोगों का ही अधिकार होना चाहिए। अमेरिका में रोजगार के लिए आने वाले विभिन्न देशों के आवेदकों पर भी ट्रम्प प्रशासन ने कठोर नीति बना रखी है।