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    भारत अमेरिका

    फिलीपीन्स की राजधानी मनीला में आयोजित शिखर सम्मेलन के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प व भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच में द्विपक्षीय मुलाकात हुई। इससे पहले रविवार को दोनों नेताओं ने अनौपचारिक मुलाकात की थी।

    ट्रम्प व मोदी के बीच द्विपक्षीय मुलाकात करने के बाद भारत व अमेरिका के बीच संबंधों के ऊपर सकारात्मक असर दिखेगा। दोनों नेताओं के बीच में मुख्य रूप से व्यापार व आतंकवाद के मुद्दे को लेकर बातचीत हुई।

    व्यापार व आतंकवाद एक ऐसा मुद्दा है जो भारत व अमेरिका के बीच काफी महत्वपूर्ण समझा जाता है। इससे पहले भी ट्रम्प व मोदी के बीच में तीन बार मुलाकात हो चुकी थी। उस दौरान भी प्रमुख मुद्दे ये ही रहे है।

    भारत जहां पर आतंकवाद के मुद्दे पर अमेरिका का साथ लेना चाहता है वहीं व्यापार के मुद्दे पर भारत-अमेरिका व्यापारिक संबंधों को मजबूत करते दिख रहे है।

    आसियान बैठक के बाद कहा गया कि एशिया के भविष्य और मानवता के कल्याण के लिए दोनों देश मिलकर काम करेंगे। गौरतलब है कि आसियान में भारत व अमेरिका दोनों ही देश इसके सदस्य नहीं है लेकिन फिर भी ये दोनों देश आसियान सम्मेलन में हिस्सा लेते है। इसके पीछे कारण दोनों देशों का समान ही है।

    व्यापार व आतंकवाद संबंधी मुद्दे है प्रमुख

    दरअसल व्यापार व आतंकवाद संबंधी मुद्दे को लेकर ये देश आसियान में शामिल होते है। इस दौरान क्षेत्रीय सुरक्षा मुद्दा भी प्रमुखता से उठाया जाता है। भारत आसियान देशों के साथ लंबे समय से व्यापारिक गतिविधियां कर रहा है।

    भारत व आसियान के बीच में व्यापार समुद्र रास्ते के जरिए होता है। यानि की भारत-आसियान व्यापार के बीच में दक्षिणी चीन सागर आता है। इस सागर पर विवाद चीन अपना हक जताता है जिस कारण से अन्य देशों के साथ चीन का विवाद चल रहा है।

    चूंकि भारत व अमेरिका दोनों ही देश दक्षिणी चीन सागर के जरिए आसियान के साथ व्यापार करते है, आसियान देश दक्षिणी चीन सागर विवाद के लिए भारत-अमेरिका को आगे कर रखे है। इसलिए ही व्यापार संबंधी मुद्दा भारत व अमेरिका के बीच काफी महत्वपूर्ण है।

    अमेरिका भी चीन के खिलाफ भारत को अप्रत्यक्ष तौर पर खड़ा कर रहा है। हालांकि इससे फायदा भारत को भी पहुंचेगा। इसलिए ही अमेरिका एशिया-प्रशांत क्षेत्र की जगह भारत-प्रशांत क्षेत्र कहने का समर्थन कर रहा है। वहीं भारत व अमेरिका के बीच आसियान के दौरान आतंकवाद के खात्मे को लेकर भी चर्चा हुई।

    अमेरिका, अफगानिस्तान में जारी अस्थिरता में भारत का सहयोग चाहता है। इसके लिए अमेरिका भारत व पाकिस्तान के बीच में तनाव कम करने की कोशिश में भी लगा हुआ है ताकि भारत व पाक अपना ध्यान अफगानिस्तान मुद्दे पर लगा सके।