पाकिस्तान को दी जाने वाली सहायता की ट्रम्प प्रशासन समीक्षा कर रहा है, जिसे जल्द ही अंतिम रूप दे दिया जायेगा। पाकिस्तान और अमेरिका के मध्य सम्बन्ध बीते एक वर्ष से काफी तनावग्रस्त है जब डोनाल्ड ट्रम्प ने पाकिस्तान पर झोट और धोखा देने का आरोप लगाया था और आतंकियों को सुरक्षित पनाह देने के लिए कोसा था।
तालिबान के साथ शान्ति वार्ता में इस्लामाबाद काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। पाकिस्तान की सहायता नीतियों पर अमेरिका की समीक्षा जारी है। अफगानिस्तान में अमेरिका के 14000 सैनिक तैनात है जिन्हे तालिबान वर्षों से बाहर निकालने की मांग कर रहा है।
यूएसएआईडी के प्रशासक मार्क ग्रीन ने विदेशी मामलो के सदस्यों की समिति से गुरूवार को कहा कि “हम पाकिस्तान को दी जाने वाली सहायता की समीक्षा कर रहे हैं और यह जल्द ही फाइनल हो जाएगी। हम इसकी रिपोर्ट आपके समक्ष पेश करेंगे की आगे क्या होना है।”
बीते वर्ष सितम्बर में ट्रम्प प्रशासन ने इस्लामाबाद की 30 करोड़ डॉलर की सैन्य सहायता पर रोक लगा दी थी क्योंकि पाकिस्तान अपनी सरजमीं पर आतंकियों के खिलाफ पर्याप्त कार्रवाही नहीं कर रहा था।
मार्क ग्रीन ने कहा कि “हम अपने सभी कार्यक्रमों के साथ प्रोग्राम मैट्रिक्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। हम आउटपुट से परिणामो की तरफ शिफ्ट करने की कोशिश कर रहे हैं। हमरे समक्ष 17 उद्देश्यों का रोडमैप है, जिन देशों के साथ हम कार्य करना चाहते हैं यह उनकी क्षमता और प्रतिबद्धता का आंकलन करने में हमारी मदद करेगा।”
कांग्रेसमैन ब्रेड शेर्मन ने कहा कि “पाकिस्तान को मदद के बावजूद, दक्षिणी पाकिस्तान में स्थित सिंध प्रान्त के कई क्षेत्रों में हालात बिगड़ रहे हैं। स्वच्छ पानी की उपलब्धता की तरह ही वहां अस्पताल और स्कूलों की दशा बेहद खराब होती जा रही है। ”
उन्होंने पूछा कि “हम देख सकते हैं वहां हिन्दू अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न किया जाता है, जबरन धर्मपरिवर्तन और निकाह करवा दिया जाता है। पाकिस्तान के सिंध प्रान्त में आम जनता के जीवन स्तर में सुधार को सुनिश्चित करने के लिए यूएसएआईडी क्या कार्य कर रही है।”
उन्होंने उम्मीद जताई कि यूनाइटेड स्टेट एजेंसी फॉर इंटरनॅशनलड डेवलपमेंट का मुख्य फोकस बच्चे और महिलायें होंगे।विशेषकर पाकिस्तान के सिंध प्रान्त के अल्पसंख्यकों पर ध्यान दिया जायेगा। उन्होंने पूछा कि “यूएसएआईडी ने पाकिस्तान में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है खासकर शिक्षा प्रणाली में। क्या धर्मार्थ संगठन इस कार्य में सहायता के लिए यूएसएआईडी की साझेदार बन सकती है?”