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    डोनाल्ड ट्रम्प

    अमेरिका ने मंगलवार को तुर्की पर प्रतिबंधो को थोप दिया है और उनसे सीरिया में सैन्य कार्रवाई को बंद करने की मांग की है। वांशिगटन ने अंकारा पर नागरिको को जोखिम में डालने का आरोप लगाया है और आईएसआईएस चरमपंथियों को रिहा करने की अनुमति दी है।

    तुर्की ने उत्तरी सिरे में कुर्द विद्रोहियों के खिलाफ आक्रमक कार्रवाई की शुरुआत की थी और इसका प्रारंभ अमेरिकी के सैनिको की सीरिया से वप्सिऊ के बाद हुआ था। इस आक्रमकता को हरी झंडी देने के लिए ट्रम्प की काफी आलोचना हुई थी।

    डोनाल्ड ट्रम्प ने ऐलान किया कि “यदि तुर्की तबाही और खतरनाक की राह पर बढ़ना छह रहा है तो हम उसकी अर्थव्यवस्था को तेजी से बरबाद करने को तैयार है।” साथ ही कहा स्टील पर शुल्क बढ़ाते हुए अमेरिका ने 100 अरब डॉलर के व्यापार सौदे पर बातचीत भी बंद कर दी है।

    ट्रेज़री डिपार्टमेंट ने कहा कि “तुर्की के रक्षा, आंतरिक और ऊर्जा मंत्रियो पर प्रतिबन्ध लगाये गए थे आयर अमेरिकी समाप्ति को जब्त कर लिया गया था और अमेरिकी ट्रांजेक्शन को अपराध घोषित कर दिया गया है।”

    उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने कहा कि “वह जल्द ही तुर्की की यात्रा करेंगे और ट्रम्प ने मंगलवार को एर्दोगन को फोन करके कहा था कि तुर्की ऑपरेशन को समाप्त करे।”

    पेंस ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा कि “अमेरिका के राष्ट्रपति ने आक्रमण को रोकने के लिए तुर्की के राष्ट्रपति से अनुरोध किया और वे तत्काल संघर्ष विराम लागू करें और सीरिया में कुर्द बलों के साथ बातचीत शुरू करें।”

    ट्रम्प ने कहा कि “वह 100 बिलियन डॉलर मूल्य के अमेरिकी-तुर्की व्यापार सौदे पर बातचीत को भी समाप्त कर रहे हैं।” अमेरिका ने पिछले साल तुर्की पर 50 प्रतिशत प्रतिबंधों को थोपा था ताकि एक इंजील पादरी को रिहा किया जा सके। रक्षा सचिव मार्क ओस्लो ने कहा कि वह अगले हफ्ते ब्रसेल्स में जाएंगे और नाटो सहयोगियों से उकसाने पर तुर्की को दंडित करने के लिए कहेंगे।

    एर्दोगन ने कुर्द नेतृत्व वाली सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेज को कुचलने का संकल्प लिया है। तुर्की शरणार्थियो को खाड़ी में रखने के लिए अपनी सीमा पर लगभग 30 किलोमीटर पर बफर ज़ोन बनाना चाहता है और साथ ही अपनी सरजमीं पर 36 लाख सीरियाई शरणार्थियों में से कुछ को वापस भेजना चाहता है।

    कुर्दों ने निरंतर उस सटीक परिदृश्य की चेतावनी दी थी जब पश्चिमी देशों ने अपने आईएसआईएस से जुड़े नागरिकों को वापस करने से इनकार कर दिया था और जब ट्रम्प ने यह स्पष्ट किया कि वह अमेरिका की सेना की मौजूदगी नहीं चाहते हैं। अमेरिकी रक्षा प्रमुख एरिज़ोना ने कहा कि “तुर्की के हमले से कई खतरनाक आईएसआईएस कैदी रिहा हो गए हैं।”  हालांकि एर्दोगन ने कुर्द बलों पर जानबूझकर जिहादियों को अराजकता से मुक्त करने का आरोप लगाया है।

    ट्रम्प ने ट्वीटर पर लिखा कि “जो कोई भी कुर्दों की रक्षा में सीरिया की सहायता करना चाहता है, वह मेरे साथ अच्छा होगा  चाहे वह रूस हो, चीन हो या नेपोलियन बोनापार्ट हो। मुझे उम्मीद है कि वे सभी महान काम करेंगे, हम 7,000 मील दूर हैं!”

    अल्पसंख्यक समूह ने वाशिंगटन के साथ बहुत मज़बूत संबंध स्थापित किए और तब से दोनों पक्षों के बीच घनिष्ठ संबंध थे।एएफपी के संवाददाताओं ने बताया कि सोमवार तड़के से, सीरियाई शासन बल सीमा के कई किलोमीटर भीतर की तरफ बढ़ रहे थे।

    एर्दोगन ने कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि सरकार के इस इलाके पर नियंत्रण के बाद कुर्दिश सेना मंजिब से सैनिको को वापस बुलाएगी। उन्होंने कहा कि “जब मनबिज से सैनिको को बाहर निकाला जाएगा। हम वहां नहीं रह जाएंगे। हमारे अरब भाई, जो असली मालिक हैं वहां लौट आएंगे।”

    अंकारा की सेनाओं से लड़ रहे सीरियाई विद्रोही कमांडर अबू बसम ने कहा कि “शहर के नीचे एक बड़ा सुरंग नेटवर्क है।” सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के अनुसार, तुर्की के हमले से पहले ही सीरिया के डेमोक्रेटिक फोर्सेस के 133 लड़ाके और 69 नागरिक मारे जा चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, 160000 लोग विस्थापित हुए हैं। तुर्की के सूत्रों के मुताबिक, तुर्की के छह सैनिकों और 18 नागरिकों को छह दिनों में मार दिया गया है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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