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    शिंजो आबे अमेरिका

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उत्तर कोरियाई शासक किम जोंग उन के बीच कोरियाई प्रायद्वीप को परमाणु मुक्त बनाने के लिए ऐतिहासिक वार्ता 12 जून को सिंगापोर में होनी हैं, लेकिन उससे पहले जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे अमेरिका का दौरा करेंगे, वे आज(गुरुवार) अमेरिका पहुंचेंगे। इस दौरे मा मुख्य हेतु ट्रम्प-किम वार्ता से पूर्व जापानी परेशानियों को अमेरिका से सामने रखना यह हैं, जिससे प्रस्तावित शिखर वार्ता में जापानी अडचनों पर भी चर्चा हों।

    जबसे ट्रम्प-किम शिखर वार्ता की घोषणा की गयी हैं, तब से जापान चाहता हैं-की किसी भी हल मैं उत्तर कोरिया का परमाणु कार्यक्रम निरस्त किया जाए। आपको बतादे, उत्तर कोरिया द्वारा तयार की गयी मिसाइल्स आसानी से जापान के मुख्य शहरों पर हमला कर सकती है। परमाणु निरस्त्रीकरण के बाद भी उत्तर कोरिया, जापान के लिए संभावित खतरे के रूप में उभर सकता हैं।

    पिछले दो महीनों में जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे का यह दूसरा अमेरिका दौरा हैं। पीएम शिंजो आबे यह निश्चित करना चाहते हैं, की उत्तर कोरिया के परमाणु निरस्तता के लिए अमेरिका और अन्य देशों द्वारा बनाए गए कुटनीतिक दबाव के बीच, अपनी बात अमेरिकी राष्ट्रपति को समझाए।

    अमेरिका के लिए रवाना होने से पूर्व, मीडिया को संबोधित करते हुए जापानी पीएम शिंजो आबे ने कहा की उन्हें उम्मीद हैं की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, उत्तर कोरिया के परमाणु निरस्त्रीकरण के विषय में आपसी सहयोग और समझदारी से निर्णय लेंगे।

    प्रधानमंत्री शिंजो आबे, ट्रम्प-किम शिखर वार्ता सफल होने के लिए आवश्यक बाते अमेरिकी नेतृत्व से साझा करना चाहते हैं। जापानी पीएम आबे के अनुसार उत्तर कोरिया के परमाणु और आंतरमहाद्वीपीय मिसाइल कार्यक्रम को पूरी तरह से रद्द कर दिया जाए और उत्तर कोरिया द्वारा 1970 और 1980 के बीच अगुवा किए गए जापानी नागरिकों के विषय में उत्तर कोरिया से जवाब माँगा जाए।

    आपको बतादे, ट्रम्प-किम शिखर वार्ता में अमेरिका, उत्तर कोरिया के अलवा दक्षिण कोरिया और चीन भी हिस्सा लेंगे, दक्षिण कोरिया मध्यस्थ का किरदार अदा करेगा। लेकिन इसी बीच क्षेत्र में अमेरिका का सहयोग कहलाए जाने वाले जापान को अमेरिका ने नजरंदाज कर दिया हैं और जापान नहीं चाहता की इस महत्वपूर्ण वार्ता से उसे दूर रखा जाए। चीनी राष्ट्रपति और दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति से किम जोंग उन दो बार मिल चुके हैं, मगर क्षेत्रीय ताकत जापान को इससे दूर रखा गया हैं।

    पूर्व अमेरिकन राष्ट्रपति जॉर्ज बुश के कार्यकाल में वरिष्ट राजनयिक रह चुके रिचर्ड अर्मीटेज के अनुसार, “ट्रम्प किम वार्ता से दूर रखे जाने को जापान सरकार ने काफी गंभीरता से लिया हैं। हमें अमेरिका और जापान की बढती दुरी को रोकना होगा। अमेरिका और जापान को दूर करना लम्बे समय से चीन और उत्तर कोरिया का लक्ष्य रहा हैं, अगर दुर्भाग्यवश दोनों देश दूर होते हैं टो चीन और उत्तर कोरिया अपने लक्ष्य में सफल हो जाएँगे।”

    राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और प्रधानमंत्री शिंजो आबे, स्थानिक समय के अनुसार दोपहर साझा प्रेस कांफ्रेंस(पत्रकार वार्ता) को संबोधित करेंगे।

    अमेरिका के दौरे के बाद जापानी पीएम शिंजो आबे, कनाडा के लिए रवाना होंगे। कनाडा में इस साल जी-7 समूह के देशों की सालाना बैठक होने वाली हैं, उसमें जापानी पीएम जापान का प्रतिनिधित्व करेंगे। अमेरिका की ओर से अमेरिकन प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की पत्नी मेलेनिया ट्रम्प करेंगी।

    By प्रशांत पंद्री

    प्रशांत, पुणे विश्वविद्यालय में बीबीए(कंप्यूटर एप्लीकेशन्स) के तृतीय वर्ष के छात्र हैं। वे अन्तर्राष्ट्रीय राजनीती, रक्षा और प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज में रूचि रखते हैं।

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