इजराइल (Israel) के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) ने रविवार को अधिग्रहित गोलन हाइट्स पर नयी बस्ती का उद्धघाटन किया है और यह उनके महत्वपूर्ण सहयोगी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) सम्मान में किया गया था। नेतन्याहू ने “ट्रम्प हाइट्स” नाम से गोलन पर नयी बस्ती का नाम रखा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने मार्च के अंत में गोलन हाइट्स को इजराइल सम्प्रभुता के तौर पर मान्यता दे दी थी। उन्होंने साल 1967 की छह दिनों की जंग में गोलन को सीरिया से हथियार लिया था। इसके बाद इजराइल ने इस क्षेत्र पर कब्ज़ा कर लिया था जिसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने कभी मान्यता नहीं दी थी।
नेतन्याहू ने ऐलान किया कि “गोलन इजराइल का भाग हैं और हमेशा रहेगा। ट्रम्प इजराइल का एक सच्चा दोस्त है, उन्होंने जो इससे पहले कभी नहीं लिया गया था।” बस्ती को नाम देने के लिए गोलन के उत्तरी भाग में शिविर में कैबिनेट की मुलाकात हुई थी। इसका निर्माण कार्य की योजना वहां बनायीं जाएगी जिस पर मौजूदा वक्त में चार आदिवासी परिवारो का कब्ज़ा है।
करीब 23000 अरब मुस्लिम अल्पसंख्यक ड्रूज़ सीरिया और लेबनान में मौजूद है और अभी अधिकृत व कब्जे वाले गोलन क्षेत्र में रहते हैं। जबकि करीब 25000 इजराइल के नागरिक साल 1967 से वहां पंहुचे हैं।
साप्ताहिक कैबिनेट मीटिंग की शुरुआत में बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि “मैं आप सभी को सूचित करना चाहूंगा कि हमने गोलन हाइट्स पर एक नए समुदाय की स्थापना के लिए क्षेत्र का चयन कर लिया है और हमने इसकी प्रक्रिया की भी शुरुआत कर दी है।”
दिसंबर 2017 में अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि “वांशिगटन विवादित शहर येरुशलम को इजराइल की राजधानी के तौर पर मान्यता देता है।” इसके बाद अमेरिका के दूतावास को तेल अवीव से येरुशलम के स्थातान्त्रित कर दिया गया था और इसका उद्घाटन 14 मई 2018 को किया गया था।
इजराइल ने आधिकारिक तौर पर साल 1981 में अपना आधिपत्य स्थापित किया था। इजराइल का गोलन पर बस्तियों की स्थापना अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत अवैध है।