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    अमेरिका पाकिस्तान

    नए साल पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को लेकर करारा निशाना साधा है। अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को मिलने वाली वित्तीय मदद पर भी रोक लगा दी गई है। इस पर अब पाकिस्तान द्वारा अमेरिका के साथ संबंधों की समीक्षा करने का फैसला लिया गया है।

    पाकिस्तानी जानकारों के मुताबिक ट्रम्प प्रशासन के पाक पर सख्त रवैये के बाद अब पाकिस्तान भी भविष्य में कठिन रूख अपनाएगा। पाकिस्तानी मीडिया की माने तो अब पाकिस्तान का नजरिया अमेरिका के प्रति अलग तरीके से रहेगा। आतंकवाद के खिलाफ जारी लड़ाई में अपने बलिदानों को पाकिस्तान द्वारा राजनियक मोर्चे पर प्रमुखता से उठाया जाएगा।

    अगर अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को जारी सहायता पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई तो पाकिस्तान को अमेरिका के साथ अपने संबंधों को फिर से संशोधित करने का कदम उठाना पड़ेगा।

    पाकिस्तानी सूत्रों के अनुसार आगे से अमेरिका की किसी भी मांगो को स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए। साथ ही अमेरिका के साथ सभी तरह के सहयोग को रोक देना चाहिए। अमेरिका की तरफ से अधिक मांग करने के बदले में अब पाकिस्तान की नीति अब ओर नहीं सहने की होगी।

    चीन के साथ संंबंधों को करेगा मजबूत

    अमेरिका के साथ भविष्य में संबंध उसके द्वारा किए गए समानता पर आधारित होगा। अमेरिका के साथ सहयोग की नीति को धीरे-धीरे अपनाया जाएगा।

    पाकिस्तानी विशेषज्ञों के मुताबिक ट्रम्प के द्वारा पाकिस्तान को लेकर किए गए बयान पर अमेरिका के साथ भावी रिश्तों की समीक्षा की जा रही है जो तनाव से अधिक तनावपूर्ण हो गए है।

    इसके अलावा पाकिस्तान के विदेश मंत्री व अन्य उच्चाधिकारी चीन सहित मित्र राष्ट्रों के साथ अधिक संबंध मजबूत करने की कोशिश मे रहेंगे ताकि हमें आत्मविश्वास मिलता रहे।

    ट्रम्प के ट्वीट पर पाक ने अमेरिकी राजदूत को किया तलब

    ट्रम्प के बयान के बाद पाकिस्तान ने अमेरिकी राजदूत को तलब करते हुए साफ तौर कहा कि पाकिस्तान अपने राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अपने फैसले खुद करेगा। पाकिस्तान शुरूआत से ही आतंकवाद के खिलाफ जंग लड़ रहा है।

    पाकिस्तान किसी तरह के आतंकवाद का समर्थन करता है तो अमेरिका को इसका सबूत देना चाहिए। इस्लामाबाद के सूत्रों के मुताबिक अफगानिस्तान में अमेरिका की रणनीति विफल होने की वजह से वो पाकिस्तान के ऊपर दोष मढ़ रहा है। लेकिन पाकिस्तान अब आगे से किसी भी दबाव को स्वीकार नहीं करेगा।

    नाजुक हालात पर पाकिस्तान-अमेरिकी संबंध

    पाकिस्तानी सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान आगे से अमेरिका पर बेहद कम निर्भर होगा। साथ ही अमेरिका के अलावा सहयोग के लिए अन्य विकल्पों को तलाशने का फैसला लेगा। पाकिस्तान अब चीन, रूस और अन्य देशों के साथ राजनयिक, व्यापार और अन्य संबंधों को बढ़ाने के लिए अपनी रणनीति को मजबूत करेगा।

    पाकिस्तानी जानकारों ने इसके पीछे यरूशलम मुद्दे पर ट्रम्प की हार को जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही कहा कि अमेरिका को संयुक्त राष्ट्र में भी अधिकतर देशों का समर्थन तक प्राप्त नहीं है।