ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कमांडर ने शुक्रवार को ब्रिटेन द्वारा तेल टैंकर को जब्त करने के प्रतिकार में ब्रितानी जहाज को जब्त करने की धमकी दी है। मोहसेन रेजाई ने ट्वीटर पर कहा कि “अगर ब्रिटेन ईरान के तेल टैंकर को नहीं छोड़ा टी हमारी विभाग ब्रिटेन के आयल टैंकर को जब्त कर लेगा।”
सरकार ने कहा कि “सुपर टैंकर ग्केरेस 1 क्रू के साथ पूछताछ की जा रही है। गुरूवार को ब्रिटेन रॉयल मरीन ने ब्रितानी इलाके के तट पर ईरान के एक तेल टैंकर को जब्त कर लिया था। ब्रितानी विभाग को शक था कि टैंकर यूरोपीय संघ के प्रतिबंधो का उल्लंघन कर सीरिया में तेल का निर्यात के रहा है।
इससे ईरान और पश्चिम के बीच तनाव भी काफी बढ़ गया है। हाल ही वांशिगटन ने तेहरान पर हवाई हमले को कुछ वक्त पूर्व ही रोक दिया था। तेहरान ने गुरूवार को ब्रितानी राजदूत को तलब किया था और गैर कानूनी और अस्वीकार जब्ती के खिलाफ विरोध प्रकट किया था।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास मौसावी ने कहा कि कच्चे तेल का मालवाहक जहाज ईरान से था। जहाज के दस्तावेज के मुताबिक वह तेल पड़ोसी मुल्क इराक से था। हालाँकि रिपोर्ट के मुताबिक ईरान के बंदरगाह से ही इस जहाज में तेल लोड किया गया था।
अमेरिका ने ईरान और वैश्विक ताकतों के साथ किये समझौते को बीते वर्ष तोड़ दिया था। बीते दो महीनो से वांशिगटन ने तेहरान पर प्रतिबंधो को थोप रखा है, साथ ही तेल निर्यात पर प्रतिबन्ध लगा रखे हैं। हाल ही में ईरान ने भी अमेरिका के जासूसी ड्रोन को मार गिराया था।
ईरान ने यूरोपीय संघ को धमकी दी है कि अगर 7 जुलाई तक संधि की सुलह नहीं हुई तो वह संधि की आंशिक प्रतिबद्धताओं को तोड़ देंगे और यूरेनियम के उत्पादन में विस्तार करेंगे। गिब्राल्टर के प्रवक्ता ने कहा कि “28 सदस्य क्रू में अधिकतर भारतीय और कुछ पाकिस्तानी व यूक्रेन के नागरिक थे। उन्हें शुक्रवार को 14 दिनों तक टैंकर को हिरासत में रखने की अनुमति मिली है।”
यूरोपीय संघ ने ईरान के खिलाफ बोर्ड प्रतिबंधों को लागू करने की अनुमति नहीं दी है। साल 2011 से सीरिया को तेल का निर्यात करने पर पाबन्दी है। शिपिंग विशेषज्ञों के मुताबिक, ब्रिटेन सुएज कनाल के जरिये सीधे मार्ग को नजरंदाज करेगा क्योंकि तेल टैंकर को हिरासत में लिए जाने का भय है।