Mon. Dec 23rd, 2024
    मुरली विजय

    मुरली विजय इस समय चल रही सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में खेल रहे है। उन्होने हाल में तमिलनाडु और विदर्भ के बीच मैच में 47 गेंदो में 74 रन की पारी खेली है, जिसमें उन्होने 4चौके और 4 छक्के लगाए है। जिसकी बदौलत उन्होने अपनी टीम को मौजूदा रणजी ट्रॉफी चैंपियंस की टीम के ऊपर 3 विकेट से जीत दर्ज करवाई है। विजय राष्ट्रीय टीम के मौके पर वापस लौटने के अधिकांश अवसरों को बनाने के लिए उत्सुक रहते है। वह पिछले कुछ समय से खराब फॉर्म में है और बॉक्सिंग डे टेस्ट (दिसंबर 2018 में ऑस्ट्रेलिया) के बाद से टीम से बाहर है। टीम से निकाले जाने को याद करते हुए, विजय ने कहा कि उन्हे इस पर गहरा दुख है और वह इससे परेशान भी है लेकिन एक बेहतर समय की अब भी उम्मीद करते है।

    द हिंदु से बात करते हुए विजय ने कहा, ” मुझे दुख होता है कि मैं भारतीय टीम का हिस्सा नहीं हूं। मैं निराश नहीं हूं। लेकिन वास्तव में चोट लगी है। मुझे टेस्ट खेलने की उम्मीद थी। वास्तव में, मुझे यकीन था कि मैं टेस्ट खेलूंगा। मैंने पर्थ में दूसरे टेस्ट की दूसरी पारी में अच्छी बल्लेबाजी की थी। मुझे लगा कि मैं केवल एक पारी से दूर हूं। मैं इस लायक था कि बॉक्सिंग डे टेस्ट में एक मौका दूं। मैं आगे आशा और आशावाद से भरा था। लेकिन मेलबर्न टेस्ट से पहले मुझे लगा था कि मुझे टीम से निकाल देंगे। मैं इसे अभ्यास सत्र और नेट्स को आकार देने के तरीके से समझ सकता था। मैं परेशान हो गया था।”

    विजय पर्थ टेस्ट मैच दूसरी पारी में एक लंबे समय तक क्रीज पर टिके थे। उन्होने उस दौरान 67 गेंदो में 20 रन की पारी खेली थी, लेकिन वह एक बार फिर नाथन लायन की गेंद को समझ नही पाए और उनकी गेंद पर अपना विकेट गंवा बैठे। उनको टीम से बाहर करने के बाद, भारत ने अगले मैच मेंं मयंक अग्रवाल को पदार्पण करने का मौका दिया और उन्होने हनुमा विहारी के साथ ओपनिंग की। जिस दौरान उन्होने आखिरी दो टेस्ट मैचो में टीम के लिए दो अर्धशतक लगाए। विहारी ने भी उस दौरान टीम के लिए महत्वपूर्ण रन बनाए थे।

    विजय ने बताया कि वह पृथ्वी शॉ, मयंक अग्रवाल और हनुमा विहारी जैसे नामो से प्रतिस्पर्धा करने में नही डरते है। हालांकि, हमें टीम से बाहर किए जाने पर एक दो मौके और मिलने चाहिए थे। उन्होने कहा, ” मैंने अपने देश के लिए 4000 टेस्ट रन बनाए है। मुझे ऐसा करने के लिए बहुत अच्छा होना चाहिए। मैंने इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में मुश्किल परिस्थितियों में रन बनाए हैं। और मैं उस दौर से गुज़रा जब वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर थे। मैं प्रतिस्पर्धा से भयभीत महसूस नहीं करता। मेरे पास भारत के लिए फिर से अपने क्षण होंगे।”

    By अंकुर पटवाल

    अंकुर पटवाल ने पत्राकारिता की पढ़ाई की है और मीडिया में डिग्री ली है। अंकुर इससे पहले इंडिया वॉइस के लिए लेखक के तौर पर काम करते थे, और अब इंडियन वॉयर के लिए खेल के संबंध में लिखते है

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *