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    75,000 लोगों की नौ​करियां छिनी

    पिछले एक साल के अंदर टेलिकॉम सेक्टर के कुल कर्मचारियों का चौथाई हिस्सा यानि करीब 75,000 लोगों की नौकरियां छीन चुकी हैं। जिन लोगों की नौकारियां छिनी हैं, उनमें आॅपरेटर्स, टॉवर फर्म तथा टेलिकॉम से जुड़े विक्रेता शामिल हैं। दूर संचार उद्योग में काम करने वाले कर्मचारियों की तुलना में पिछले कुछ वर्षों में इनके वेतन में कोई सुधार नहीं किया गया। ऐसे में अब टेलिकॉम सेक्टर कर्मचारियों की छंटनी कर रहा है।

    दूरसंचार सेक्टर में एक साल की बेरोजगारी के आंकड़े

    • पि​छले एक साल में 75000 लोगों की नौकरियां छिनी।
    • वर्तमान में 2.25 लाख कर्मचारी कार्यरत।
    • नौकरी खोने वालों में करीब 25-30 फीसदी लोग टेलिकॉम प्रंबंधन से जुड़े थे।
    • टेलिकॉम सेक्टर का 50 फीसदी लोग मिडिल क्लास प्रबंधन से जुड़े हैं।
    • 35-40 फीसदी लोकल विक्रेताओं ने खोई नौकरियां।
    • 25-30 आॅपरेटर्स सेवा से बाहर।
    • इनमें से ज्यादातर लोगों को जबरदस्ती नौकरी छोड़ने के लिए बाध्य किया गया है।

    ज्यादातर स्थायी तथा अनुबंध के तहत कर्मचारी ही कार्यरत हैं, बाकी कर्मचारियों की छंटनी की जा रही है। अब केवल 75 फीसदी कर्मचारी ही इस सेक्टर में रह गए है। बाकी अन्य कर्मचारी दूरसंचार उद्योग से बाहर होने की कगार पर हैं। ईएमए पार्टनर रामचंद्रन का कहना है कि “एक साल पहले टेलिकॉम सेक्टर में करीब तीन लाख कर्मचारी थे, जिनमें से पिछले 12 महीनों में 25 फीसदी कर्मचारी निकाले जा चुके हैं।”

    इनमें से ज्यादातर कर्मचारियों को नौकरी छोड़ने के लिए बाध्य किया गया है। कुछ मामलों में इन कर्मचारियों को 3-6 महीने का समय दिया गया है। इसके बाद इन्हें नोटिस देकर बाहर कर दिया जाएगा। रामंचद्रन के मुताबिक टेलिकॉम विक्रेता कंपनियोें से जुड़े 35-40% कर्मचारी अपनी नौकरी खो चुके हैं। जब कि 25-30 फीसदी आॅपरेटर हैं जिन्हें अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है।

    दूरसंचार सेक्टर में अब केवल 2.25 लाख कर्मचारी बचे हुए हैं, बावजूद इसके इन कर्मचारियों पर अभी भी गाज गिरने की संभावना है। क्योंकि टेलिकॉम आॅपरेटर्स के विलय पर इन कर्मचारियों की छंटनी तय है। टेलिकॉम सेक्टर के विशेषज्ञों जिनमें सीनियर तथा मिडिल कर्मचारी हैं, इन्हें अन्य उद्योगों में शामिल होने में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ेगा। क्योंकि इनके लिए अन्य उद्योगों में जगहें कम होगी।

    एबीसी कंसल्टेंट्स के कार्यकारी निदेशक विवेक मेहता के अनुसार, “दूरसंचार क्षेत्र में लगभग 50 फीसदी मिडिल क्लास के कर्मचारी प्रबंधन से जुड़े हैं, इनमें से करीब 25-30% कर्मचारियों की छंटनी की जा चुकी है। इसका मतलब है कि टेलिकॉम प्रबंधन से जुड़े करीब 20,000 मिडिल क्लास कर्मचारी बेरोजगार हो चुके हैं।

    सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनॉमी के मुताबिक, जनवरी-अप्रैल 2017 में 1.5 मिलियन लोग अपनी नौकरियों से हाथ धो चुके हैं।
    एबीसी कंसल्टेंट्स मेहता का कहना है कि कई टेलिकॉम कंपनियों के मर्जर के बाद कर्मचारियों की छंटनी होनी तय है। ऐसे में एक बार फिर से दूर संचार सेक्टर से करीब 15 फीसदी कर्मचारियों के कम होने की उम्मीद है।