टूलकिट विवाद में बुरी तरह फंस चुके भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है। टूलकिट मामले के सामने आने के बाद से राज्य के सत्ताधारी कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष आकाश शर्मा ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा के खिलाफ रायपुर के सिविल लाइन थाने में मामला दर्ज कराया था।
उसी मामले में रविवार को शाम चार बजे तक संबित पात्रा को पुलिस के सामने व्यक्तिगत रूप से या वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश होना था, लेकिन संबित ने ऐसा नहीं किया और अपने वकील के जरिए एक हफ्ते का और समय मांगा है।
छत्तीसगढ़ में आज सिविल लाइन पुलिस स्टेशन के बाहर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के साथ कुछ भाजपा नेता विरोध-प्रदर्शन करते हुए नजर आए हैं। मामले में आज रमन सिंह और संबित पात्रा को समन भी भेज दिया गया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रमन सिंह को अपने घर ही उपस्थित रहने के निर्देश दिए गए थे। बताया जा रहा है कि सिविल लाइन थाने के पास स्थित उनके निवास पर टीम पूछताछ करेगी और कुछ ही देर पहले रायपुर पुलिस की टीम पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के आवास पर पहुंच गई है।
दोनों नेताओं पर आरोप है कि उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से कांग्रेस पार्टी के फर्जी लेटर हेड को शेयर कर प्रदेश में सांप्रदायिक हिंसा भड़काने का काम किया है। इसके बाद ही राज्य के मुख्य विपक्षी दल भाजपा के नेताओं ने राज्य सरकार के खिलाफ धरना दिया।
इससे पहले झारखंड कांग्रेस की तरफ से भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, संबित पात्रा, बीएल संतोष समेत अन्य नेताओं के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करवाई गई थी। उस समय भी यहीं आरोप लगा था कि भाजपा ने फर्जी लेटर हेड छपवाकर सांप्रदायिक नफरत और हिंसा फैलाने का काम किया। आरोप ये भी लगा था कि भाजपा के इन नेताओं ने अपने-अपने ट्विटर हैंडल के माध्यम से इस जाली और मनगढ़ंत दस्तावेज को साझा किया था।