कर्नाटक में टीपू सुल्तान का विवाद अब दिल्ली विधानसभा में आ पहुंचा है। दिल्ली विधानसभा में गणतंत्र दिवस के अवसर पर टीपू सुल्तान की फोटो लगाए जाने पर बीजेपी विधायक ने विरोध जताया है। गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने टीपू सुल्तान समेत कुल 70 स्वतंत्रता सेनानियों, क्रांतिकारियों और नायकों की तस्वीरें विधानसभा में लगवाई है।
लेकिन 18 वीं शताब्दी के नायक टीपू सुल्तान की फोटो पर बीजेपी ने विरोध किया है। बीजेपी विधायक ओम प्रकाश शर्मा ने कहा कि दिल्ली विधानसभा को एक विवादास्पद व्यक्तित्व का एक चित्र बनाने से बचना चाहिए। साथ ही कहा कि टीपू सुल्तान का चित्र लगाना भावनाओं का आहत करने वाला है।
वहीं विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने कहा कि बीजेपी नेताओं की तरफ से किसी भी मुद्दे पर हमेशा से विवाद पैदा किया जाता है। गोयल ने कहा कि भारतीय संविधान के पृष्ठ 144 पर टीपू सुल्तान की एक तस्वीर भी है।
अंग्रेजों से लड़ाई लड़कर टीपू सुल्तान ने देश को मुक्त कराने में मदद की है। साथ ही बीजेपी को धोखेबाज कहा है। टीपू सुल्तान पर विवाद तब शुरू हुआ जब कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने 2015 में 18 वीं शताब्दी के शासकों की जयंती मनाई थी।
कांग्रेस व बीजेपी में विवाद
इस पर राज्य में हिंसक प्रदर्शन हुआ था। पिछले साल भी टीपू सुल्तान जयंती को लेकर प्रदर्शन हुआ था। जिसमें कांग्रेस व बीजेपी के बीच में जमकर बवाल हुआ था। बीजेपी नेताओं ने टीपू सुल्तान को “हिंदू विरोधी” और “बड़े पैमाने पर हत्यारे” के रूप में वर्णित किया है।
वहीं कांग्रेस ने इसे स्वतंत्रता सेनानी और देश के महान शासक के रूप में वर्णित किया है। दिल्ली विधानसभा की आर्ट गैलेरी की चित्रों में सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, बिरसा मुंडा और अशफाकुल्ला खान जैसे स्वतंत्रता सेनानी शामिल है।