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    हवाई जहाज टिकट कैंसिल

    पिछले एक साल में हवाई जहाज की टिकट कैंसिल करने पर लगने वाला शुल्क लगभग दोगुना होकर करीबन 3000 रूपए पहुँच गया है। इस सन्दर्भ में सरकार चाहती है कि इस शुल्क को कम किया जाए। ऐसे में सरकार बहुत जल्द सभी एयरलाइन कंपनियों को इसे कम करने का निर्देश दे सकती है।

    सिविअल एविएशन मंत्री जयंत सिन्हा ने एक बयान में बताया, “कई बार ऐसा होता है कि कैंसिल करने का चार्ज टिकट के चार्ज से भी ज्यादा हो जाता है। सरकार ने उड़े देश का आम नागरिक (उड़ान) योजना के जरिये देश के हर नागरिक को हवाई सेवा देने की कोशिश की है।” सिन्हा ने आगे कहा कि सरकार कंपनियों को निर्देश देगी कि टिकेट कैंसिल चार्ज को कम किया जाए।

    जी न्यूज़ की एक रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी 2016 में एक घरेलु हवाई जहाज की टिकट कैंसिल करने पर 1800 रूपए का शुल्क लगता था, जिसे बाद में बढ़ाकर 2250 रूपए और अब 3000 रूपए कर दिया है।

    इसके अलावा अंतराष्ट्रीय हवाई जहाजों की टिकट कैंसिल करने पर पिछले साल 2350 रूपए लगते थे। इसे बाद में बढ़ाकर 2500 रूपए किया गया और अब नवम्बर 2017 में यह बढ़कर 3500 रूपए हो गया है।

    सस्ती एयरलाइन इंडिगो की यदि बात करें तो कीमतें बढाने में यह सबसे आगे है। खबर के मुताबिक पिछले साल अप्रैल 2016 में इंडिगो ने टिकट कैंसिल पर लगने वाले चार्ज को 1250 रूपए से बढ़ाकर 2250 रूपए कर दिया था। इस साल कंपनी ने फिर रेट बढ़ाकर इसे घरेलु यात्राओं के लिए 3000 रूपए कर दिया वहीँ अंतराष्ट्रीय यात्राओं के लिए इसे बढ़ाकर 3500 रूपए कर दिया है।

    एक अन्य जहाज कंपनी विस्तारा की यदि बात करें तो यह ‘सुपर सेवर’ श्रेणी में कैंसिल चार्ज 4000 रूपए, ‘सेवर’ श्रेणी में 3600 रूपए और ‘फ्लेक्सी’ श्रेणी में कैंसिल चार्ज 2400 रूपए लेती है।

    इससे पहले आपको बता दें कि ट्विटर के जरिये एक ग्राहक ने केन्द्रीय मंत्री जयंत सिन्हा से पूछा था कि वे इस मामले में क्या करेंगे? इसपर सिन्हा ने कहा था कि वे जल्द ही एयरलाइन कंपनियों से इस बारे में बात करेंगे।

    आपको बता दें कि जल्द ही सरकार यात्रियों के हक के लिए एक योजना बनाने जा रही है, जिससे यात्रियों के लिए सुखद अनुभव बनाने पर जोर दिया जाएगा।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।