Mon. Dec 23rd, 2024
    भारतीय मूल के तीन विदेश छात्र, टाइम मैगजीन में मिली जगह

    टाइम मैगजीन के साल 2018 की 25 प्रभावशाली किशोरों की सूची में तीन भारतीय मूल के छात्र भी शामिल है। विभिन्न क्षेत्रों में बेहतरीन कार्य के लिए मैगजीन ने उन्हें सामानित किया है। भारतीय मूल की अमेरिकी काव्या कोप्पराप्पू, रिषभ जैन और ब्रितानी मूल की भारतीय अमिका जॉर्ज दुनिया में अन्य किशोरों के साथ प्रेरणा स्त्रोत बनकर उभरी हैं।

    आठवीं कक्षा के छात्र रिषभ जैन ऑरेगोन का निवासी है। उन्होंने एक अल्गोरिथम का विकास किया है जो पन्क्रेअटिक कैंसर से सुरक्षित रखने में मददगार साबित हो सकता हैं। 14 वर्ष के बच्चे ने एक सॉफ्टवेयर टूल का निर्माण किया है, जो डॉक्टर्स के पैंक्रियास की सटीक जगह पता लगाने में लाभकारी होंगे और इलाज के स्तर को भी बढ़ाएंगे।

    18 वर्ष की काव्या हावर्ड यूनिवर्सिटी की नई छात्रा है, उन्होंने एक डीप लर्निंग कंप्यूटर सिस्टम विकसित किया है। यह प्रणाली कैंसर के मरीजों के कोशिकाओं की तरलता, रंग का पता लगाने में सक्षम होगी। बीते 30 सालों में ब्रेन कैंसर की प्रणाली में सुधार नहीं किया जा सका है। टाइम मैगजीन के मुताबिक काव्या का लक्ष्य एक ऐसी थेरेपी विकसित करनी है, जो भिन्न हो।

    19 वर्षीय अमिका जॉर्ज का मकसद गरीबी की अवधि को हटाने के लिए नीति निर्माताओं को समझाना है। उन्होंने कहा कि अनुदान के माध्याम से गरीब महिलाओं और बच्चियों तक मासिक धर्म के उत्पादों को पहुंचाना हैं, जो ऐसी मूल्यवान वस्तुओं को खरीदने में असमर्थ है।

    उन्होंने कहा कि सरकार देख रही है, कि ऐसा हो रहा हैं लेकिन वह इसका समाधान हल करने की बात को नकारती है। अमिका ने #फ्री पीरियड कैंपेन की शुरुआत की थी। नतीजतन 2 लाख लोगों ने एकत्रित होकर उनकी याचिका का समर्थन किया था। इस अभियान का ब्रिटेन के कई नीति निर्माताओं ने भी समर्थन किया था, जिसने इस मसले पर सरकार को अनुदान एकत्रित करने के लिए मजबूर कर दिया था।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *