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    tizen and android in hindi

    लिनक्स फ़ाउंडेशन ने एक नया प्रोजेक्ट चालू किया टाइज़ेन के नाम से, जो की टेक्निकल स्टीरिंग ग्रुप (टी एस जी) द्वारा संचालित था।

    सैमसंग ने औपचारिक रूप से इस ऑपरेटिंग सिस्टम (operating system) को बनाने, डिज़ाइन करने, और बांटने का काम अपने ऊपर लिए ले लिया था।

    सैमसंग नें इस ऑपरेटिंग सिस्टम पर तेजी से काम किया और पहला स्मार्ट कैमरा टाइज़ेन ऑपरेटिंग सिस्टम वाला फोन अक्टूबर 2013 में निकाला गया।

    बड़े बड़े टेक्निकल लोगों ने कहा की टाइजेन एंड्राइड की कॉपी है। हालाँकि इसमे कुछ अंतर भी हैं जिनको हम अनदेखा नहीं कर सकते।

    टाइजेन एक लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलने वाला सिस्टम है जो की सैमसंग और इंटेल द्वारा संचालित है। सैमसंग ने स्मार्ट कैमरा और गेयर 2 स्मार्ट वॉच को बाज़ार में निकाला था, जो की दोनों ही टाइजेन पर चलती थी और सिस्टेना ने 10 इंच का टैबलेट निकाला था वह भी टाइजेन पर चलता था।

    विषय-सूचि

    टाइजेन के फीचर (features of tizen in hindi)

    टाइजेन ऑपरेटिंग सिस्टम का निर्माण इस तरह किया गया ताकि वो एपल के आयोस और गूगल के एंड्राइड से मुक़ाबला कर सके। आजकल के समय में टाइज़ेन को इस तरह से बनाया गया की वह डेवलपर की ज़िंदगी को आसान बना सके हालांकि इससे यह भी फायदा है की यह बेहतर उपयोग आधारित अनुभव देता है।

    यह बहुत ही फ्लैक्सिब्ल ऑपरेटिंग सिस्टम है, उपयोगकर्ताओं के लिए काफी कमपैटिबल भी है और आयोस और एंड्राइड जैसे अनुभव भी हैं। टाइज़ेन जावा स्क्रिप्ट, सीएसएस, और एचटीएमएल 5 सपोर्ट करता है।

    टाइजेन और एंड्राइड में अंतर (difference between tizen and android in hindi)

    • आसान और सुविधाजनक नेविगेशन – ऊपर नीचे स्क्रोल करना और नेविगेशन करना टाइजेन में बड़ा ही आसान था।
    • तेज़ और हल्का – टाइज़ेन ऑपरेटिंग सिस्टम गूगल एंड्राइड से चलाने में आसान था, तेज़ था और काफी हल्का भी था।
    • विज्वल इफैक्ट – टाइज़ेन ने 3डी विज्वल का प्रभाव गेम की दुनिया में काफी बढ़ा दिया था और इसके वजह से चित्र काफी अच्छे दिखने लगे थे।
    • प्रॉसेसरस – टाइज़ेन 3.0 अपने साथ 64 बिट प्रॉसेसर लेकर आया जोकि x86 प्रॉसेसर और 64 बिट रैम के साथ संगत था।
    • सहायक डिवाइस – टाइज़ेन स्मार्ट टीवी, रेफ्रिजरेटर, स्मार्ट वॉच, स्मार्ट फोन, वॉशिंग मशीन, लाइट बल्ब, वैक्युम क्लीनर आदि में इस्तेमाल होता था। लेकिन एंड्राइड केवल स्मार्ट फोन, कम्प्युटर ओर स्मार्ट वॉच में चलता था।
    • बैटरी – मोबाइल विशेषज्ञो द्वारा यह देखा गया था की सैमसंग के जो उपकरण थे जिनमे टाइज़ेन ऑपरेटिंग सिस्टम था वो एंड्राइड डिवाइस की तुलना में कम बैटरी खाता था।
    • सैमसंग द्वारा निकाले गए हंडसेट जो की टाइज़ेन पर चलते थे वह एक सस्ता विकल्प था उपयोगकर्ताओं के लिए। एंड्राइड उपयोग करने वाले लोगो के पास एक फायदा है की अगर ये अपना उपकरण बदलना चाहते हैं तो वह अपने डाटा को उसमे डाउनलोड कर सकते हैं और नए डिवाइस में इस्तेमाल कसर सकते हैं।
    • निचले दर्जे वाले एंड्राइड फोन जैसे की मोटो ई, क्षायोमी, जेडटीई आदि टाइज़ेन जैसा ही अनुभव देते हैं।
    • टाइज़ेन की नोटिफ़िकेशन बार भी एंड्राइड से बेहतर है जिसको की हम सैमसंग के डिवाइस में देख सकते हैं जो टाइज़ेन सपोर्ट करते हैं।
    • टाइज़ेन में एंड्राइड की तरह मल्टीटासकिंग और मल्टी टच का विकल्प भी है एंड्राइड की तरह यह इसे और आकर्षित बनाता है।

    निष्कर्ष (summary)

    इससे यह निष्कर्ष निकलता है की सैमसंग का एंड्राइड से टाइजेन पर बदलाव ने इसके डूबते हुए बाज़ार को बचा लिया। ऐसा लग रहा है की आने वाले समय में यह सैमसंग के लिए बड़े ही फायदे का सौदा होने वाला है और एशिया मार्केट में भी काफी चलने वाला है।

    असेम्ब्लिंग करने की वजह वहीं सैमसंग में बनने से यह काफी पैसे बचाने वाला ऑपरेटिंग सिस्टम भी है इसलिए इस तरीके से भी सैमसंग को इससे फायदा है।

    One thought on “टाइजेन और एंड्राइड में अंतर क्या है?”

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