झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री मधुकोड़ा पर दिल्ली की एक विशेष अदालत ने कोयला घोटाले में उन्हें दोषी करार दिया है। अदालत ने इस मामले में मधुकोड़ा समेत पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता, झारखण्ड के पूर्व चीफ सेक्टरी अशोक कुमार बसु और एक अन्य को साजिश और आपराधिक षड़यंत्र रचने का दोषी पाया है। अदालत ने इन दोषियों पर गुरुवार को फैसला देने का निर्णय किया है।
सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश भारत पराशर ने बुधवार को सभी आरोपियों को फैसला सुनाने वक्त अदालत में मौजूद रहने का आदेश दिया था। जिस मामले में अदालत ने फैसला सुनाया है वह झारखण्ड के राजहरा नॉर्थ कोयला ब्लॉक को कोलकाता की विनी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड को आवंटित करने में कथित अनियमिताओं से संबंधित है।
देखा जाए तो इस मामले में सीबीआई के आरोप पत्र में मधु कोड़ा, एचसी गुप्ता और कंपनी के अलावा, मामले में अन्य आरोपी झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव ए के बसु, दो लोक सेवक — बसंत कुमार भट्टाचार्य, बिपिन बिहारी सिंह, वीआईएसयूएल के निदेशक वैभव तुलस्यान, कोड़ा के कथित करीबी सहयोगी विजय जोशी और चार्टर्ड अकाउंटेंट नवीन कुमार तुलस्यान का नाम शामिल था।
6 दिसम्बर को तारीख मुहैया कर अदलात ने इन दोषियों के खिलाफ सामान जारी कर कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था। पेशी होने के बाद अदालत ने सबको जमानत दे दी। अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी ( आपराधिक साजिश), 420 ( धोखाधड़ी) 409 ( सरकारी कर्मियों द्वारा आपराधिक विश्वासघात) और भ्रष्टाचार की रोकथाम अधिनियम के प्रावधानों के तहत दर्ज मामले का संज्ञान लिया था जिसके बाद उनलोगो को अपराधी के तौर सामान जारी कर दिया गया है।
इस मामले में जाँच के दौरान सीबीआई ने कहा था कि कंपनी ने आठ जनवरी 2007 को राजहरा नार्थ कोयला ब्लॉक के लिए आवेदन दाखिल किया था। इसपर सीबीआई ने यह आरोप लगाया कि झारखंड सरकार और इस्पात मंत्रालय ने वीआईएसयूएल को कोयला खंड आवंटन करने की अनुशंसा नहीं थी।
अब यह साफ़ हो गया है कि मधु कोड़ा समेत अन्य लोगो पर आरोप तय हो गया है। यह मामला 1.25 लाख करोड़ का है जो कि कांग्रेस सरकार के दौरान हुई थी। इस मामले में कल फैसला आएगा।