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    झारखंड विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 45 से 48 सीटें जीत सकती है। इसके अलावा हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाले गठबंधन (झारखंड मुक्ति मोर्चा-कांग्रेस और राजद) को 27 से 30 सीटें मिलने की संभावना है। 81 सदस्यीय सदन के लिए कुल पांच चरणों में मतदान होना है।

    पहले चरण का चुनाव शनिवार को होगा। भाजपा के लिए एक तीसरे पक्ष द्वारा किए गए आंतरिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि राज्य में लगातार दूसरे कार्यकाल की उम्मीद कर रही भगवा पार्टी 41 सीटों के जादुई आंकड़े तक आसानी से पहुंच जाएगी।

    सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य में रघुवर दास के नेतृत्व वाली भाजपा को 45-48 सीटें मिलेंगी और 2014 के विधानसभा चुनाव में मिले 31 फीसदी वोट शेयर से बढ़कर पार्टी का वोट शेयर अब 42 फीसदी तक हो सकता है।

    भाजपा और उसकी तत्कालीन गठबंधन सहयोगी ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) ने 2014 के विधानसभा चुनाव में 42 सीटें हासिल की थी। हालांकि अबकी बार गठबंधन नहीं हुआ है और भाजपा ने 71 से अधिक सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की है, जबकि आजसू ने 27 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं।

    भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय सहस्रबुद्धे ने रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए कहा, “पिछले पांच वर्षों में दास शासन में सुशासन का भरोसा रहा है।”

    उन्होंने कहा कि झारखंड 19 साल पहले बिहार से अलग हुआ था और दुर्भाग्य से राज्य अस्थिरता और भ्रष्टाचार के लिए जाना जाता था।

    सहस्रबुद्धे भाजपा के उपाध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य भी हैं। उन्होंने कहा, “पिछले पांच वर्षों में रघुवर दास एक स्थिर और स्वच्छ सरकार प्रदान करने में सक्षम रहे हैं। उन्होंने भ्रष्टाचार मुक्त, मजबूत और स्थिर सरकार दी है।”

    दूसरी तरफ झामुमो, कांग्रेस और राजद ने एकजुट मोर्चा बनाया है और वे भाजपा को कड़ी टक्कर दे रहे हैं।

    सर्वेक्षण के अनुसार, झामुमो-कांग्रेस-राजद के गठबंधन को राज्य में 27-30 सीटें मिलेंगी, जिससे उसका वोट फीसद छह फीसदी से 40 फीसदी तक बढ़ जाएगा। 2014 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस, झामुमो और राजद को 34 फीसदी वोट मिले थे।

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