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    झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पश्चिमी सिंहभूम में सात ग्रामीणों की हत्या के बाद व्यथित होकर अपने मंत्रिमंडल का विस्तार टालने का निर्णय लिया है, ऐसा जाहिर तौर पर कहा गया है। लेकिन सूत्रों का दावा है कि विभागों को लेकर अब भी कांग्रेस और झामुमो में सहमति नहीं बन सकी है। विपक्ष ने भी मंत्रिमंडल विस्तार टाले जाने पर कटाक्ष किया है।

    मुख्यमंत्री ने खुद गुरुवार शाम राज्यपाल से मुलाकात कर शपथ ग्रहण के लिए नई तिथि तय करने का आग्रह किया था।

    राजभवन सूत्रों के मुताबिक, फिलहाल राज्यपाल ने मंत्रियों के शपथ ग्रहण के लिए कोई नई तिथि निर्धारित नहीं की है। शपथ ग्रहण के लिए नई तिथि का मुख्यमंत्री को ही नए सिरे से आग्रह करना होगा। इस बीच कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री जल्द ही शपथ ग्रहण की तिथि को लेकर राजभवन जाएंगे।

    सूत्रों का कहना है कि हेमंत सोरेन मंत्रिमंडल के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) से स्टीफन मरांडी, नलिन सोरेन, चंपई सोरेन, हाजी हुसैन अंसारी, दीपक बिरुआ, मिथिलेश ठाकुर, सरफराज अहमद, बैजनाथ राम, सीता सोरेन के नामों की चर्चा जोरों पर है। वहीं कांग्रेस से राजेंद्र सिंह, दीपिका पांडेय, ममता देवी, बन्ना गुप्ता और इरफान अंसारी मंत्री बनाए जा सकते हैं।

    इस बीच सूत्रों का दावा है कि विभागों को लेकर अब भी कांग्रेस और झामुमो में सहमति नहीं बन सकी है। कांग्रेस को विधानसभा अध्यक्ष पद मिलना तय माना जा रहा है, जबकि उसकी निगाह उपमुख्यमंत्री पद पर भी है।

    सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस ने गृह और कार्मिक में से किसी एक विभाग की मांग की है। इसके अलावा वित्त, ग्रामीण विकास या नगर विकास, स्वास्थ्य एवं ऊर्जा विभाग की भी दावेदारी की जा रही है, जिससे झामुमो सहमत नहीं है।

    गठबंधन में मंत्री के विभागों को लेकर मतभेद की बात सियासी गलियारे में सुनने को मिल रही है। सूत्रों का कहना है कि झामुमो कोटे से छह, कांग्रेस से पांच और राजद से एक मंत्री बनने की चर्चा है।

    झामुमो के प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा, “सब कुछ स्पष्ट हो चुका है और सभी विभागों को लेकर सहमति बन चुकी है। जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार होगा।”

    कांग्रेस प्रवक्ता आलोक दूबे ने कहा, “मंत्रिमंडल विस्तार पर कोई अड़चन नहीं है। आज (शुक्रवार) मंत्रिमंडल का विस्तार हो जाता, परंतु मुख्यमंत्री एक घटना से व्यथित हैं। इस कारण शपथ ग्रहण कार्यक्रम रद्द कर दिया गया।”

    झारखंड की सियासत में चर्चा तो यह भी है कि झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) के विधायक बंधु टिर्की और प्रदीप यादव भी कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं, जिस कारण मंत्रिमंडल का विस्तार टाला गया है। गौरतलब है कि बंधु और प्रदीप गुरुवार को दिल्ली में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिल चुके हैं।

    इधर विपक्ष भी मंत्रिमंडल विस्तार स्थगित किए जाने पर तंज कस रहा है। भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा, “केवल कहने से या मंत्रिमंडल विस्तार के कार्यक्रम को टालकर मन व्यथित नहीं होता। मुख्यमंत्री का ‘मन व्यथित’ दिखावा है। अगर उनका मन इतना ही व्यथित है तो वह इस्तीफा क्यों नहीं दे रहे हैं। कांग्रेस के दबाव में मंत्रिमंडल विस्तार टाला गया है।”

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