झारखंड विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में अपनी किस्मत आजमा रहे कांग्रेस के 60-70 प्रतिशत उम्मीदवार आपराधिक पृष्ठभूमि के हैं। इस चरण के लिए मतदान सात दिसंबर को होना है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा संकलित और विश्लेषित आंकड़ों में यह खुलासा हुआ है। आंकड़ों से पता चला है कि चुनावी मैदान में उतरे कुल उम्मीदवारों में से 26 फीसदी के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं, जबकि 17 फीसदी ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
प्रमुख दलों में और एडीआर द्वारा विश्लेषित होने वालों में, कांग्रेस से 67 प्रतिशत, झामुमो से 50 प्रतिशत, आजसू से 42 प्रतिशत, भाजपा और जेवीएम-पी से 40-40 प्रतिशत ने अपने हलफनामों में खुद के खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। ।
जब बात गंभीर आपराधिक मामलों की आती है तो यहां भी कांग्रेस 50 प्रतिशत उम्मीदवारों के साथ चार्ट में सबसे ऊपर है।
जबकि 36 फीसदी झामुमो से, 25 फीसदी भाजपा से, 25 फीसदी जेएमएम-पी से और आठ फीसदी आजसू से हैं।
कुछ राजनेताओं पर महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित गंभीर आरोप हैं। चार उम्मीदवारों ने महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित मामलों की घोषणा की है। चार में से, एक उम्मीदवार ने दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराध से संबंधित मामलों की घोषणा की है।
सिर्फ कथित दुष्कर्मी ही नहीं, बल्कि कथित हत्यारे भी दूसरे चरण में चुनाव मैदान में हैं। आठ उम्मीदवारों ने घोषित किया है कि उनके पास आईपीसी की धारा -307 के तहत मामले दर्ज हैं, जो हत्या के प्रयास से संबंधित हैं। इस बीच, चार ने अपने खिलाफ हत्या के मामले घोषित किए हैं। तीन उम्मीदवार ऐसे हैं जिन्होंने माना है कि वे पहले अपराधों के लिए दोषी ठहराए जा चुके हैं।
झारखंड इलेक्शन वॉच और एडीआर ने उन सभी 260 उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण किया है, जो झारखंड विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण का चुनाव लड़ रहे हैं।
झारखंड में सात दिसंबर को विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए मतदान हो रहा है। राज्य में पांच चरणों में चुनाव हो रहे हैं।