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    झारखंड विधानसभा के लिए तीसरे चरण का चुनाव न सिर्फ राज्य की राजनीति की दिशा तय करेगा बल्कि झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) प्रमुख पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी और ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन (आजसू) के नेता सुदेश महतो के राजनीतिक भविष्य भी तय करेगा। इस चरण में 17 विधानसभा सीटों पर 12 दिसंबर को मतदान होगा।

    इस चरण के चुनाव में सुदेश महतो और बाबूलाल मरांडी की प्रतिष्ठा भी दांव पर है। इस चरण के चुनाव में सिल्ली और राजधनवार के मतदाता भी अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। सिल्ली से जहां आजसू की ओर से सुदेश महतो चुनावी मैदान में भाग्य आजमा रहे हैं। वहीं, राजधनवार से बाबूलाल मरांडी ताल ठोक रहे हैं।

    पिछले चुनाव में इन 17 सीटों में सात पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), तीन पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), तीन पर झाविमो, दो पर कांग्रेस और एक-एक सीट पर आजसू और भाकपा (माले) के उम्मीदवार जीत कर विधानसभा पहुंचे थे। इस चरण में भाजपा के लिए अपनी सीट बचाने की भी चुनौती होगी, क्योंकि इस चरण में उन चार सीटों पर भी मतदान हो रहा है जहां दलबदल कर चुनावी जंग में उतरे उम्मीदवार भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।

    इस चरण में दो मंत्रियों के भाग्य का भी फैसला होना है। कोडरमा से मंत्री नीरा यादव और रांची से मंत्री सी़ पी़ सिंह को पार्टी ने एक बार फिर मैदान में उतारा है।

    पिछले चुनाव में बरकट्ठा से झाविमो के टिकट पर जीत कर आए जानकी यादव अब ‘कमल’ के साथ मतदाताओं को आकर्षित करने में जुटे हैं जबकि बरही में कांग्रेस से विधायक रहे मनोज यादव अब भाजपा के टिकट पर चुनावी समीकरण को अपने पक्ष में करने में जुटे हैं।

    मांडू से स्वर्गीय टेकलाल महतो के पुत्र ज़े पी़ पटेल ने लोकसभा चुनाव के समय ही झामुमो से किनारा कर लिया था। इस चुनाव में वे भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव में ताल ठोक रहे हैं। रांची जिले के हटिया से पिछली बार झाविमो के टिकट से जीतकर विधानसभा पहुंचे नवीन जायसवाल इस चुनाव में भाजपा के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे हैं।

    इस चरण का चुनाव आजसू के लिए सबसे अहम माना जा रहा है क्योंकि वह अकेले अपने दम पर चुनाव मैदान में उतरी है। आजसू के नेता भी मानते हैं कि राज्य में आजसू को अपनी ताकत बढ़ाने के लिहाज से इस चरण का चुनाव उसके लिए काफी महत्वपूर्ण होगा। इस चरण में आजसू ने मांडू, गोमिया, सिमरिया, बड़कागांव, ईचागढ़, रामगढ़, सिल्ली सहित कई सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं।

    रामगढ़ आजसू की परंपरागत सीट मानी जाती है। रामगढ़ से पिछले चुनाव में आजसू के टिकट पर चंद्रप्रकाश चौधरी विजयी हुए थे। इस साल हुए लोकसभा चुनाव में उनके सांसद चुने जाने के बाद इस विधानसभा चुनाव में आजसू ने उनकी पत्नी सुनीता चौधरी को चुनाव मैदान में उतारा है।

    इस चरण में राजधनवार सीट पर भी मतदान होना है। सीट से झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी मैदान में हैं।

    उल्लेखनीय है कि झारखंड विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण के मतदान के लिए चुनाव प्रचार मंगलवार शाम समाप्त हो गया। यहां के आठ जिलों की 17 विधानसभा सीटों पर 12 दिसंबर को होंगे। इन सीटों के लिए कुल 309 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं, जिसमें से 32 महिलाएं हैं।

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