झारखंड में सरकार बदलते ही पुरानी कुछ योजनाओं को लेकर मंथन भी होने लगा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार राज्य में चल रही मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना की समीक्षा करने के बाद इसे बंद कर नई योजना लाने की रूपरेखा बना रही है।
झारखंड के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि राज्य सरकार ओडिशा सरकार की ‘कालिया योजना’ की तर्ज पर राज्य के लघु, सीमांत किसानों और भूमिहीन खेतिहर मजदूरों को वित्तीय सहायता प्रदान करने की योजना बना रही है। इस योजना के तहत सरकार लाभार्थियों को खेती के लिए सहायता, आजीविका के लिए सहायता, वित्तीय सहायता, जीवन बीमा कवर और ब्याज मुक्त फसल ऋण देने का प्रारूप तैयार कर रही है।
सूत्रों का कहना है कि इस योजना के तहत भूमिहीन किसानों को कम से कम 12,500 रुपये की सहायता देने की योजना बनाई जा रही है।
उल्लेखनीय है कि पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की सरकार कृषि आशीर्वाद योजना में प्रति एकड़ पांच हजार रुपये और अधिकतम 25 हजार रुपये की राशि दो किस्तों में किसानों को दे रही थी। इस योजना के तहत राज्य में करीब 25 लाख किसान सूचीबद्घ हैं। 16 लाख किसानों को योजना की पहली किश्त मिल चुकी है। दूसरी किश्त में नौ लाख किसानों के खाते में राशि पहुंची है।
सूत्रों का कहना है कि नई योजना में जमीन के आधार पर नहीं, बल्कि फसलों के आधार पर राशि दिए जाने का प्रावधान किए जाने की संभावना है। इस योजना में पांच फसलों के लिए राशि दी जाएगी। इस नई योजना में किसानों को सरकार रबी और खरीफ समेत पांच फसलों के लिए 25 हजार रुपये देगी।
कृषि विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि तैयार हो रहे प्रस्ताव के मुताबिक जिन किसानों के पास जमीन नहीं है, उन्हें 12,500 रुपये दिए जाएंगे, जिससे वे मछलीपालन, बकरी पालन, मुर्गी पालन आदि का काम कर सकेंगे।
सूत्रों का कहना है कि इस योजना को पारदर्शी बनाने के लिए रूपरेखा बनाई जा रही है। इस योजना के शुरू होने के बाद किसानों को व्हाट्सएस से इसके फायदों के बारे में बताया जाएगा और राशि मिलने पर भी उसकी सूचना लाभुकों को दी जाएगी। इस योजना में जीवन बीमा भी कराने का प्रावधान रखे जाने की योजना है।