Wed. Nov 6th, 2024

    देवघर (झारखंड), 8 जुलाई (आईएएनएस)| द्वादश ज्योतिर्लिगों में शामिल झारखंड के देवघर स्थित प्रसिद्घ बाबा बैद्यनाथ धाम में इस साल एक महीने तक चलने वाले श्रावणी मेले में आने वाले कांवड़ियों और श्रद्घालुओं की सुविधा के लिए विशेष व्यवस्था की जा रही है।

    इस वर्ष सुरक्षा-व्यवस्था भी चुस्त की जा रही है। 17 जुलाई से प्रारंभ होकर 15 अगस्त तक चलने वाले इस धार्मिक मेले में कांवड़ियों को किसी प्रकार का कष्ट न हो, इस लिहाज से तैयारी की जा रही है।

    श्रावणी मेले के दौरान पर्यटकों के लिए न केवल वाटरप्रूफ टेंट में रुकने का इंतजाम होगा, बल्कि जलाभिषेक के बाद साथ ले गए मोबाइल, कैश और ज्वेलरी जैसे कीमती सामानों को क्लॉक रूम में रख सकेंगे।

    देवघर के उपायुक्त (जिलाधिकारी) राहुल कुमार सिन्हा ने सोमवार को कहा, “टेंट के लिविंग स्पेस में एक साथ 2,250 श्रद्घालुओं के ठहरने के लिए 19 हजार वर्गफुट एरिया में लग्जरी कॉमन डोरमेटरी बनाया जा रहा है। बारिश से बचने के लिए यह वाटरप्रूफ तो होगा ही, साथ ही इसमें अनुकूल वातावरण तैयार करने के लिए ठंडी हवा का भी इंतजाम रहेगा।”

    मेले को लेकर सुरक्षा के भी पुख्ता प्रबंध किए जा रहे हैं। झारखंड पुलिस मुख्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि पिछले सालों से इस साल मेला क्षेत्र में अधिक पुलिसकर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है।

    उन्होंने बताया, “इस बार 1340 अधिकारी और 9585 पुलिसकर्मी तैनात किए जा रहे हैं, जिसमें एक पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) स्तर के अधिकारी, तीन पुलिस अधीक्षक (एसपी) स्तर के अधिकारी, 70 पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) के अलावा त्वरित प्रतिक्रिया बल (आरएएफ) की दो, सीआरपीएफ की दो, सीआरपीएफ की एक महिला बटालियन, एनडीआरएफ की दो कम्पनियां तैनात की जा रही हैं। इसके अलावा एटीएस और विशेष शाखा की टीम भी रहेगी।”

    उन्होंने बताया कि राज्य पुलिस ने पड़ोसी राज्य बिहार के साथ समन्वय बनाते हुए एक टीम सुल्तानगंज भी भेजने की योजना बनाई है, जो वहां से चलने वाले कांवड़ियों पर नजर रखेगी।

    उल्लेखनीय है कि देवघर के बैद्यनाथ धाम में वर्ष भर शिवभक्तों की भीड़ लगी रहती है, परंतु सावन महीने में यह पूरा क्षेत्र केसरिया धारण किए कांवड़ियों से पट जाता है। भगवान भोलेनाथ के भक्त 105 किलोमीटर दूर बिहार के भागलपुर के सुल्तानगंज में बह रही उत्तर वाहिनी गंगा से जलभर कर कांवड़ लिए पैदल यात्रा करते हुए यहां आते हैं और बाबा का जलाभिषेक करते हैं। पिछले वर्ष सावन महीने में यहां 38 लाख श्रद्घालुओं ने ज्योतिर्लिग पर जलाभिषेक किए थे। इस बार यह संख्या बढ़ने की संभावना है।

    इस लंबी दूरी में कांवड़ियों के लिए कई पड़ाव हैं। इन पड़ाव स्थलों पर कांवड़ियों के विश्राम के लिए विभिन्न सुविधाओं से युक्त सरकार व गैर सरकारी संस्थाओं की ओर से विभिन्न सुविधाओं से युक्त धर्मशालाएं व पंडाल लगाए गए हैं।

    कई श्रद्घालु वाहनों के जरिए सीधे बाबा नगरिया आकर भगवान भोले का जलाभिषेक करते हैं।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *