Thu. Dec 19th, 2024
    हसन रूहानी

    ईरान ने बुधवार को कहा कि “व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन को पद से हटाना तेहरान और वांशिगटन के बीच सीढ़ी वार्ता का परिणाम नहीं है।” ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने अमेरिका से कूटनीतिक दबाव और अत्यधिक दबाव की नीति को खत्म करने का आग्रह किया है।

    उन्होंने कहा कि “ईरान साल 2015 की परमाणु संधि की प्रतिबद्धताओं से पीछे हटने को तैयार है।” बीते वर्ष राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिका को अंतररष्ट्रीय परमाणु संधि से बाहर निकल लिया था जिसके तहत ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को बंद करने के लिए राज़ी हुआ था।

    अमेरिका ने इसके बाद ईरान पर मजीद प्रतिबंधो को थोप दिया था, इसमें ईरानी कच्चे तेल का निर्यात को जब्त करना शामिल है। तेहरान ने कई प्रतिकारी कदमो को उठाया था जिसमे परमाणु संधि की प्रतिबद्धताओं से पीछे हटना भी शामिल है। हालाँकि उन्होंने दावा किया कि वे एक सुरक्षित समझौता चाहते हैं।

    ट्रम्प ने कई बार संकेत दिया है कि वह तेहरान के साथ परमाणु वार्ता को शुरू करने के लिए इच्छुक है। तेहरान ने बयान दिया है कि अमेरिकी प्रतिबंधों के हटने तक वार्ता संभव नहीं है। बोल्टन ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के पद से इस्तीफा दे दिया था।

    यूएन में प्रतिनिधि मजीद तख्तेरावांची ने कहा कि “अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के पद से जॉन बोल्टन को हटाने से ट्रम्प प्रशासन हमें अमेरिका के सतह वार्ता पर दोबारा विचार करने के लिए मजबूर नहीं कर सकता है। जब तक ईरान के किलाफ अमेरिका के प्रतिबन्ध लागू रहेंगे, अमेरिका के साथ वार्ता के लिए कोई जगह नहीं है।”

    रूहानी ने कहा कि “अमेरिका को समझना चाहिए कि चरमपंथी से कोई फायदा नहीं है और उन्हें ईरान पर अत्यधिक दबाव की नीति को खत्म करना चाहिए।”

    रूहानी ने बुधवार को बयान में कहा कि “ईरान परमाणु संधि का अनुपालन करने को तैयार है जब अमेरिका भी ऐसा ही कर तो। हमने कई बार कहा है कि हमारी नीति शांतिपूर्ण परमाणु तकनीक की है और परमाणु संधि पर हमारा दृष्टिकोण प्रतिबद्धता है।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *