Fri. May 3rd, 2024
मसूद अज़हर

पाकिस्तान की सेना ने अपने मुल्क में जैश ए मोहम्मद की मौजूदगी से इंकार कर दिया है। सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा कि “पाकिस्तान पर दावा सही नहीं है क्योंकि जेईएम पाकिस्तान में मौजूद नहीं है, जो पाकिस्तान और यूएन द्वारा गैरकानूनी है।”

पाक विदेश मंत्री का दावा

पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में दावा किया कि उन्होंने जैश ए मोहम्मद के साथ संपर्क किया है और उनके संगठन ने पुलवामा हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव पर शाह महमूद कुरेशी ने कहा कि “हम स्थिरता चाहते हैं, पाक शांति चाहता है। हमे आगे की तरफ देखना चाहिए।”

उन्होंने कहा कि “हमारे समक्ष कई मसले हैं जिन्हें हम सुलझाने को तैयार है। हम इन मुद्दों को कैसे सुलझाएंगे? एक दूसरे पर मिसाइल दागकर? नहीं बल्कि एक दूसरे से बातचीत करके, सबूतों को साझा करके।”

जैश के संगठन का बयान

पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अज़हर की मौत की अफवाहों के बीच संगठन ने बयान जारी कर कहा कि “वह जिन्दा है और अच्छा कर रहे हैं।” पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने दावा किया था कि “आतंकी सरगना की सेहत बहुत ख़राब है और मौजूदा वक्त में उनका पाकिस्तान में इलाज जारी है।”

पाकिस्तान की सरजमीं पर आश्रित जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अज़हर ने आतंकी गतिविधियों में लिप्त लड़ाकों को सम्बोधित किया और दावा किया कि “पाकिस्तान बिना कश्मीर के पूरा नहीं है।” जैश के सरगना ने कश्मीर में मारे गए चरमपंथियों को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि “भारत के सभी मुस्लिमों की आजादी के साथ ही कश्मीर को भी जल्द ही स्वतंत्रता मिल जाएगी।”

जैश की संपत्ति जब्त

पाकिस्तान के विदेश विभाग के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा कि “इसका मतलब सरकार देश से सभी संचालित प्रतिबंधित समूहों को अपने नियंत्रण में लेना चाहती है। सभी प्रतिबंधित समूहों की सभी प्रकार की संपत्ति या प्रॉपर्टी अब सरकार के नियंत्रण में होगी।” उन्होंने कहा कि “सरकार, साथ ही समूहों द्वारा दी गयी एम्बुलेंस और चैरिटी विंग को भी जब्त कर लेगी। इसका मकसद सुरक्षा परिषद् द्वारा सभी प्रतिबंधित समूहों और लोगों के खिलाफ जारी प्रक्रिया को अमल में लाना है।”

किसी दबाव में आकर कार्रवाई नहीं

पाकिस्तान की सरकार द्वारा आतंकियों और आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश देने के बाद इस्लामाबाद ने कहा कि यह निर्णय किसी के दबाव में आकर नहीं लिया है। मीडिया से मुखातिब होते हुए सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा कि “नेशनल एक्शन प्लान को अमल में लाने का निर्णय दिसंबर 2014 में ले लिया गया था।”

उन्होंने कहा कि “सभी सियासी दल नेशनल एक्शन प्लान पर रजामंद है। यह कार्रवाई किसी के दबाव में आकर नहीं की जा रही है। इसकी योजना साल 2014 में ही बना ली गयी थी, तब न एफएटीएफ थी और न पुलवामा आतंकी हमला हुआ था।” उन्होंने कहा कि “लश्कर ए तैयबा के जुड़े जमात उद दावा और उससे जुड़े फलाह ए इंसानियत संगठन को प्रतिबंधित करने का निर्णय जनवरी में लिया गया था।”

By कविता

कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *