पाकिस्तान में पेशावर हाईकोर्ट ने शुक्रवार को विपक्षी जमीयते उलेमाए इस्लाम-एफ (जेयूआई-एफ) को आजादी मार्च आंदोलन के दौरान धरनों के तहत सड़कों को बाधित करने से रोक दिया। मौलाना फजलुर रहमान के नेतृत्व वाली जेयूआई-एफ प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग के साथ आंदोलनरत है। पार्टी ने 13 दिन तक इस्लामाबाद में धरना दिया और उसके बाद बीते बुधवार को धरना समाप्त कर आंदोलन के प्लान बी का ऐलान किया जिसके तहत पार्टी सदस्य पूरे देश में मार्गो को बाधित करने के प्रयास कर रहे हैं। इनके आंदोलन के कारण देश में कई जगहों पर सड़कों पर आवागमन बाधित हुआ है।
इसके खिलाफ शाह फैसल उतमान खैल नाम के नागरिक ने पेशावर हाईकोर्ट की शरण ली। उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि सड़कें बंद करना नागरिकों के मूलाधिकार व संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है। इससे लोगों को भारी परेशानी हो रही है। इसलिए जेयूआई-एफ को इससे रोका जाना चाहिए।
अदालत की दो सदस्यीय पीठ ने याचिका को मंजूर करते हुए जेयूआई-एफ के रास्ता रोको आंदोलन पर रोक लगाने का आदेश पारित किया। अदालत ने कहा कि हमने आदेश पारित कर दिया है, अब इस पर अमल कराना सरकार का काम है।
इससे पहले जेयूआई-एफ ने अपने आंदोलन के दूसरे दिन शुक्रवार को राजधानी इस्लामाबाद व देश के सबसे बड़े शहर कराची समेत कई जगहों पर सड़कों को बाधित किया।