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    नीतीश कुमार अमित शाह

    बिहार में भाजपा और जेडीयू के बीच सीट शेयरिंग के लिए 50-50 फार्मूला तय होने के बाद से ही राष्ट्रीय जनता दल ने NDA की अन्य सहयोगी पार्टियों उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी और रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी पर डोरे डालना शुरूकर दिया था।

    इसी क्रम में कल राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने मिडिया से बात करते हुए कहा कि पिछले डेढ़ साल से बिहार ने भाजपा और जेडीयू सरकार चला रहे हैं लेकिन अब तक उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा को मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी गई।

    शिवानंद तिवारी कुशवाहा के उस बयान पर अपना रिएक्शन दे रहे थे जिसमे कुशवाहा ने दिल्ली में कहा था कि लोकसभा में वो कुर्बानी देने को तैयार हैं लेकिन सिर्फ तभी जब हमें उचित सम्मान मिलेगा।

    तिवारी ने कुशवाहा का समर्थन करते हुए कहा कि ना तो राज्य में और ना ही केंद्र में कुशवाहा को उचित सम्मान दिया गया।

    शिवानंद तिवारी के इस बयान को तेजस्वी और कुशवाहा के बीच हुई मुलाक़ात का विस्तार माना जा रहा है। जब से भाजपा और जेडीयू में बराबर बराबर सीटों पर लड़ने का समझौता हुआ है तब से ही राजद कुशवाहा को NDA से तोड़ने में लगा हुआ है।

    शिवानंद तिवारी ने 50-50 समझौते के लिए नीतीश कुमार पर भाजपा को ब्लैकमेल करने का भी आरोप लगाया। तिवारी ने कहा कि नीतीश ने प्रशांत किशोर की मदद से भाजपा को ब्लैकमेल किया है। प्रशांत किशोर अभी नए नए पार्टी में आएं और आते ही उन्हें पार्टी का उपाध्यक्ष बना दिया गया।

    तिवारी ने खुलासा किया कि प्रशांत ने भाजपा को चेतावनी दी कि अगर जेडीयू को कम सीट मिली तो फिर से पलटी मार कर जाएंगे।

    राजद उपाध्यक्ष ने कहा कि नीतीश बिहार में रालोसपा के विधायकों के समर्थन से सत्ता भोग रहे हैं और उन्होंने दिल्ली में अमित शाह से मिलकर सीटों का समझौता ऐसे कर लिया मानो कुशवाहा और पासवान की पार्टी का कोई अस्तित्व ही नहीं।

    गौरतलब है कि उपेंद्र कुशवाहा ने 2013 में जेडीयू से अलग होकर राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का गठन किया था। जेडीयू ने उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए निष्कासित कर दिया था।

    राजद की तरफ से कई बार कुशवाहा को NDA छोड़ कर महागठबंधन में शामिल होने का निमंत्रण दिया जा चूका है।

    पिछले हफ्ते तेजस्वी और कुशवाहा की मुलाक़ात ने बिहार में बनते नए राजनितिक समीकरणों की और इशारा किया था। हालांकि कुशवाहा ने इसे संयोगवश हुई मुलाक़ात कह कर अटकलों पर विराम लगा दिया था।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

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