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    जेट एयरवेज संकट

    पैसे की तंगी के चलते जेट एयरवेज़ ने एक बार फिर से अपने कर्मचारियों की तनख्वाह रोक ली है। इसी के साथ ही जेट एयरवेज़ ने अपने कर्मचारियों से 10 दिन की मोहलत मांगी है, ताकि वो जल्द ही अपने कर्मचारियों की अगस्त की तनख्वाह का बचा हुआ 25% हिस्सा उन्हे दे सके।

    जेट एयरवेज़ ने अपने कर्मचारियों की तनख्वाह का 50 फीसदी हिस्सा 11 सितंबर तक अपने कर्मचारियों को दे दिया था तथा उसने बाक़ी की बची हुई तनख्वाह को देने के लिए कुछ समय की मांग की थी।

    हालाँकि सूत्रों ने बताया है कि जो भी कर्मचारी A1-A5, O2 और O3 ग्रेड के हैं या फिर जिनकी सैलरी 75,000 तक है, उन सभी लोगों को 1 अक्टूबर तक भुगतान कर दिया गया है। इसके अलावा बाक़ी M2, M3 व E1 या उससे भी ऊपर के ग्रेड के कर्मचारियों की सैलरी का भुगतान होना अभी बाक़ी है। हालाँकि अभी जेट ने इसे लेकर कोई लिखित जवाब नहीं दिया है।

    जेट एयरवेज़ ने इसी के साथ कर्मचारियों की तंख्वाह को देने के लिए दूसरी बार मोहलत मांगी है। इसी के साथ जेट एयरलाइन ने कहा है कि “उसे इस बात का खेद है, लेकिन इसी के साथ वो इस घड़ी में हमारा साथ देने के लिए कर्मचारियों का शुक्रिया अदा करती है।”

    इसी के साथ जेट एयरवेज़ ने अपने कर्मचारियों को सूचित करते हुए बताया है कि कंपनी अपने कर्मचारियों कि बकाया राशि का भुगतान 9 अक्टूबर से पहले कर देने के लिए प्रतिबद्ध है।

    महीने के शुरू में ही जेट ने अपने कर्मचारियों को सूचित कर दिया था कि उन्हे तनख्वाह मिलने में देरी हो सकती है तथा इस तरह कि असुविधा नवंबर तक भी देखने को मिल सकती हैं।

    हालाँकि जेट एयरवेज़ कोई अकेली कंपनी नहीं है जो इस तरह कि समस्या का सामना कर रही है, इसके पहले इंडिगो एयरलाइन भी अपने कर्मचारियों को उनकी तनख्वाह समय से देने में असमर्थता दिखा चुकी है। स्पाइस जेट भी इस समस्या का शिकार हो चुकी है।

    माना जा रहा है कि विमान ईंधन की बढ़ती कीमतों व लगातार बढ़ती प्रतिस्पर्धा के चलते विमान कंपनियों की कमाई में काफी असर पड़ा है।

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