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    जेट एयरवेज संकट से कर्मचारी हुए भावुक: हम रातों को सो नहीं पा रहे

    जेट एयरवेज पर आये संकट से सभी निराश हैं। भोज पूजारी ने भारत की जेट एयरवेज लिमिटेड का जिम्मा तबसे संभाला है जबसे इसने लगभग 26 साल पहले उड़ना शुरू किया था। अब जैसी ऋण से भरी एयरलाइन संकट में आ गयी है, वह भी जेट के कई अन्य कर्मचारियों की तरह, भविष्य के लिए डरते हैं।

    उन्हें दो महीने से वेतन नहीं मिला और जल्द ही उन्हें अपना घर भी बेचना पड़ सकता है। रायटर्स के अनुसार, उन्होंने कहा-“अगर ये होता रहा तो मुझे नहीं पता क्या करना है। मुझे लग रहा है मेरे हाथ बंधे हुए हैं और मैं रात को सो नहीं पा रहा। मैंने अपने बच्चो को कुछ नहीं बताया है। वह बहुत छोटे हैं लेकिन उन्हें पता है कुछ तो गलत है।”

    JET AIRWAYS EMPLOYEE

    जेट एयरवेज के 1.2 बिलियन डॉलर से अधिक की राशि के ऋण के कारण ये बंद हो गयी है और इससे हजारो कर्मचारी सदमे में आ गए हैं। उधारदाताओं द्वारा आपातकालीन निधियों की एक याचिका खारिज करने के बाद बुधवार को इसने अपने सभी विमान ज़मीन पर ही खड़े कर दिए थे।

    एयरलाइन के सीईओ विनय दुबे ने बुधवार को कर्मचारियों को बताया कि सेल में अभी वक़्त लगेगा और ये और भी ज्यादा चुनौतियाँ फेंक सकता है लेकिन उन्हें पूरा विश्वास था कि एक दिन एयरलाइन फिर उड़ने लगेगी।

    दर्जन कर्मचारियों से ज्यादा ने रायटर्स को बताया कि उन्होंने बिना वेतन के दो से चार महीने काम किया है। उनमे से कई लोगो को अवैतनिक बिलों के साथ होम लोन, स्कूल और ट्यूशन फीस से संघर्ष करना पड़ रहा है।

    JET AIRWAYS EMPLOYEES EMOTIONAL

    एक जेट इंजिनियर ने ट्यूशन हटवा कर खुद ही अपने बच्चो को पढ़ाना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा-“हमने फिल्में देखना, रेस्टोरेंट जाना और मनोरंजन के बाकि साधन भी त्याग दिए हैं।”

    उन्हें बिल्डिंग मेंटेनेंस फीस ना देने के लिए, अपनी कम्युनिटी में डिफाल्टर की सूची में डाल दिया गया है। उन्होंने कहा-“ये मेरे परिवार के लिए बहुत बड़ा कलंक है।”

    जेट एयरवेज बचाओ, हमारे परिवार को बचाओ

    हजारो खफा कर्मचारियों ने नई दिल्ली और मुंबई में विरोध प्रदर्शन किया और प्रबंधन पर इलज़ाम लगाया कि उन्होंने एयरलाइन की बिगड़ती स्थिति के बारे में स्टाफ को अँधेरे में रखा।

    EMPLOYEES STRIKE

    एयरलाइन संघ नेता चैतन्य मैनकर ने शुक्रवार को मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर विरोध के दौरान चिल्लाते हुए कहा-“प्रबंधन कभी हमें स्पष्ट तस्वीर नहीं देता।” कई कर्मचारियों ने ‘जेट एयरवेज बचाओ, हमारे परिवार को बचाओ’ के नारे लगाये।

    उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को भी मामले में दखल देने के लिए कहा जिन्हें पहले ही रोजगार की कमी के कारण कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा है। पिछले महीने, मोदी ने राज्य द्वारा संचालित बैंकों से जेट एयरवेज को दिवालियापन में धकेलने से बचाव करने के लिए कहा, जिससे हजारों नौकरियों का नुकसान हुआ। लेकिन एयरलाइन को लगभग 217 मिलियन डॉलर का सहमत कामचलाऊ ऋण कभी नहीं मिला।

    JET AIRWAYS EMPLOYEES STRIKE

    जेट पायलट्स का प्रतिनिधित्व कर रहे नेशनल एविएटर गिल्ड के उपाध्यक्ष कैप्टन असीम वलियानी ने कहा कि रोजगार की बातें करना केवल बहाना था। उन्होंने ये भी कहा कि गिल्ड अपने वेतन को पाने के लिए एयरलाइन को अदालत भी ले जाएगा।

    जेट एयरवेज का भविष्य 

    एयरलाइन का भविष्य धुंधला नजर आ रहा है क्योंकि सभी प्रमुख कर्मचारियों ने इसे छोड़ दिया है। एक सीनियर जेट पायलट ने कहा कि 400 के आस पास पायलट दूसरी एयरलाइन से जुड़ गए हैं, 40 इंजिनियर ने भी छोड़ दिया है। जेट के पास अब 1,300 पायलट रह गए हैं।

    Jet Airways

    कुछ अनुभवी कर्मचारी अभी भी एयरलाइन के प्रति अपनी निष्ठा साबित कर रहे हैं और आशा करते हैं कि एयरलाइन जल्द ही अपनी पहले वाली महिमा हासिल कर पाएगी। कुछ ने कहा कि वह यहाँ पहले दिन, पहले शो से काम कर रहे हैं तो कुछ ने कहा कि ये एक तूफ़ान है जो आएगा और चला जाएगा और चीज़ें जल्द ही सामान्य हो जाएंगी।

    कुछ ऐसे वरिष्ठ कर्मचारी भी हैं जैसे पुजारी जिनका कहना है कि अगर एयरलाइन नाकामयाब हो गयी तो वह काम ढूँढने के लिए संघर्ष करेंगे। उनके मुताबिक, “अगर मैंने पहले छोड़ दिया होता तो आगे बढ़ने का मौका भी होता लेकिन 26 साल बाद और 50 की उम्र लांघने के बाद मुझे कहा नौकरी मिलेगी?”

    EMPLOYEES CRYING

    By साक्षी बंसल

    पत्रकारिता की छात्रा जिसे ख़बरों की दुनिया में रूचि है।

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