लगातार घाटे में चल रही जेट एयरवेज को उबारने ने के लिए जल्द ही इसे 600 करोड़ का इमरजेंसी लोन मिलने वाल है। इससे इसके हालातों में सुधार आने का अनुमान है।
घाटे में चल रही जेट एयरवेज :
कुछ समय से जेट एयरवेज को लगातार घाटे हो रहे हैं। 31 दिसंबर, 2018 को जेट ने बैंकों के कंसोर्टियम को लोन चुकाने में चूक की थी। इसके विकास के बारे में सूत्रों ने बताया कि कम भुगतान के कारण जेट के विमान को ग्राउंडिंग के साथ, गोयल ने फंड के वैकल्पिक स्रोतों के लिए स्काउटिंग शुरू कर दी है। इसके चलते मंगलवार को जेट एयरवेज के चार विमानों को उड़ान भरने से रोक दिया गया था।
इन बैंकों से मिलेग लोन :
डूबती एयरलाइन जेट एयरवेज को भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई में बैंकों ने संस्थापक और चेयरमैन नरेश गोयल और पार्टनर एतिहाद एयरवेज पीजेएससी द्वारा गिरवी रखे गए शेयरों के खिलाफ धन मुहैया कराने की योजना बनाई है और उनके द्वारा प्रदान की गयी गारंटी का समर्थन किया है। यह खुलासा जेट एयरवेज की 21 फरवरी को होने वाली असाधारण शेयरधारक बैठक के बाद होने की संभावना है।
नरेश गोयल की हिस्सेदारी होगी कम :
एक दुसरे ऑफर के मुताबिक़ जेट एयरवेज को निवेश की ज़रुरत है। ऐसे में उसके स्ट्रेटेजिक पार्टनर एतिहाद ने निवेश करने के लिए कड़ी शर्तें रखी हैं। एतिहाद ने यह शर्त रखी है की वह जेट एयरवेज में तभी निवेश करेगी यदि नरेश गोयल इसका नियंत्रण छोड़ दें। लेकिन ऐसा करने से नरेश गोयल मुकर गए हैं। इस शर्त के अंतर्गत नरेश गोयल की इक्विटी सदस्यता को 25 को कम किया जाए तभी एतिहाद इसमें निवेश करेगी।
जेट एयरवेज का प्रदर्शन :
जेट एयरवेज आज से 20 साल पहले भारत में शुरू हुआ था जब राज्य एकाधिकार ख़त्म किया था। तब से यह सस्ती फ्लाइट्स उपलब्ध करा रहा था लेकिन पिछले कुछ समय से इसे बहुत घाटा हो रहा है जिससे ना तो ये लिए गए कर्ज वापस दे पा रहा है और ना ही कर्मचारियों को वेतन अदा कर पा रहा है। इसके चलते इसने लोन की मांग की थी।