भारतीय वाहक जेट एयरवेज जोकि पिछले काफी समय से घाटे में चल रहा है, वर्तमान में उसकी समस्या और भी गंभीर हो गयी है। नकदी की कमी के चलते यह अपने कर्मचारियों को जिनमे पायलट और इंजिनियर शामिल हैं, वेतन नहीं दे प् रहा है और उन्हें वेतन मिले लगभाग टीन तीन महीने हो चुके हैं। इसके चलते एक पायलट ने नरेन्द्र मोदी से ख़त लिखकर सहायता मांगी है।
पायलटों ने दी चेतावनी :
काफी समय से वेतन ना मिलने पर कर्मचारियों ने प्रबंधन से वार्ता की लेकिन कोई जवाब न मिलने पर उन्होंने ठोस कदम उठाने पर विचार किया। इसके बाद सभी 1100 सदस्यों ने फैसला किया है कि अगर उनकी दो मांगें पूरी नहीं की गई तो एक अप्रैल से विमान उड़ाना बंद कर देंगे। हमें हमारी सैलरी और क्लियर रोड मैप चाहिए। अगर ये मांगें पूरी नहीं होती है तो हम उड़ान बंद कर देंगे।
दा हिन्दू के मुताबिक कई पायलटों ने तो दूसरी एयरलाइन्स में नौकरी तलाशनी भी शुरू कर दी है। यदि एयरलाइन बंद हो जाती है तो इससे करीब 1500 पायलट बेरोजगार हो जाएंगे और नौकरी नहीं मिलेगी और उनका ना ही बकाया वेतन पूरा चुकता हो पायेगा।
नरेन्द्रे मोदी को लिखे पत्र के बारे में पूरी जानकारी :
काफी समय से वेतन ना मिलने पर पायलटों की ट्रेड यूनियन ने नरेन्द्र मोदी को सहायता करने के लिए पत्र लिखा जिसमे उन्होंने यह लिखा की हमें डर है कि एयरलाइन बंद होने की कगार पर है। इससे हजारों लोग बेरोजगार हो जाएंगे। यह विमानन की गतिशीलता को बदल देगा क्योंकि क्षमता में कमी के कारण किराए में वृद्धि होगी, और यात्रा करने वाली जनता को बड़ी असुविधा का सामना करना पड़ेगा।
उन्होंने आगे कहा की पायलट और इंजीनियर अब वेतन के लगभग तीन महीने पीछे हैं और दृष्टि में कोई राहत नहीं होने के साथ बहुत अधिक वित्तीय कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। प्रबंधन के लिए हमारी बार-बार की गई दलीलें अनसुनी हो गई हैं। पायलटों ने व्यावसायिकता बनाए रखी है और एयरलाइन के संचालन में बाधा नहीं डाली है। यात्रियों की यात्रा योजनाओं पर एक भयावह प्रभाव पड़ा है।