राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने बुधवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में पांच जनवरी को हुई हिंसा में ‘नकाबपोश महिला’ के रूप में पहचानी गई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की कार्यकर्ता और दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के दौलतराम कॉलेज की छात्रा कोमल शर्मा की शिकायत दर्ज कर ली है।
एनसीडब्ल्यू के अनुसार, कोमल ने आरोप लगाया है कि एक राष्ट्रीय न्यूज चैनल ने अपने स्टिंग ऑपरेशन में उन्हें गलत तरीके से फंसाया है। एनसीडब्ल्यू ने यह भी कहा कि शर्मा की शिकायत के अनुसार, जेएनयू हिंसा के हमलावरों के तौर पर उनकी पहचानकर और उनका नाम खोलकर उनका अपमान किया है।
शर्मा ने एनसीडब्ल्यू को बताया है कि पूरे मामले में उन्हें गलत तरीके से घसीटा गया और उस चैनल ने इस कथित मामले में उनकी पुष्टि या स्पष्टीकरण लेने के लिए उनसे कभी संपर्क नहीं किया। कोमल ने एनसीडब्ल्यू से मामले की जांच का आग्रह किया है।
एबीवीपी सदस्य कोमल शर्मा ने बुधवार को एनसीडब्ल्यू से मदद लेने के लिए संपर्क किया। शर्मा को पांच जनवरी को जेएनयू परिसर में हिंसा के दौरान नकाबपोश महिला के रूप में पहचाना गया है।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि उन्होंने कोमल शर्मा के नाम से पहचानी गई नकाबपोश महिला को फोन किया था, लेकिन उनका नंबर स्विच्ड ऑफ जा रहा था।
उन्होंने कहा, “जांच के लिए उन्हें एक नोटिस भेज दिया गया है।”
पुलिस ने अबतक नौ आरोपियों को नोटिस भेजकर उन्हें जेएनयू हिंसा मामले की जांच में शामिल होने के लिए कहा है। नौ संदिग्धों में से सात संदिग्ध वाम संगठनों से हैं।
सात में से तीन आरोपी- जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइशी घोष, भास्कर विजय और पंकज सोमवार को जांच में शामिल हुए।
पुलिस ने कहा कि एबीवीपी के अन्य कथित सदस्य अक्षत अवस्थी और रोहित शाह ने जांच में शामिल होने से इंकार कर दिया है। इन दोनों के चेहरों का एक टीवी चैनल के स्टिंग में खुलासा हुआ था। पुलिस ने उम्मीद जताई कि दोनों भी मंगलवार को जांच में शामिल हो जाएंगे।
पुलिस ने हिंसा में शामिल 37 और लोगों को भी नोटिस भेजने का निर्णय लिया है। हिंसा में 20 लोग घायल हो गए थे।