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    कांग्रेस पार्टी की एक फैक्ट फाइंडिंग टीम बुधवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय पहुंची। महिला कांग्रेस की अध्यक्षा सुष्मिता देव इस टीम का नेतृत्व कर रही हैं। इस टीम ने जेएनयू में जाकर जख्मी छात्रों, कुछ प्रोफेसरों व अन्य लोगों के बयान दर्ज किए हैं। कांग्रेस की इस टीम का गठन पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने किया है। पूर्व सांसद सुष्मिता देव अपने सहयोगियों के साथ जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के विभिन्न हॉस्टल्स में गईं।

    यहां उन्होंने कई छात्राओं व हमले में जख्मी छात्रों से बात की। छात्रों से पांच जनवरी की शाम हुई हिंसा का पूरा विवरण लिया गया। कांग्रेस पार्टी के इन सदस्यों ने छात्रों के बयान की लिखित प्रति तैयार की है, जिसके आधार पर यह टीम जेएनयू में हुई हिंसा, हिंसा करने वाले उपद्रवियों, पीड़ित छात्रों, व पूरे घटनाक्रम पर अपनी विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगी।

    कांग्रेस के अलावा डीएमके सांसद कनिमोझी भी बुधवार को जेएनयू पहुंचीं। कनिमोझी ने यहां जख्मी छात्रों से मुलाकात की। छात्रों से मुलाकात के बाद कनिमोझी ने कहां की जेएनयू में हुई वारदात किसी सदमे से कम नहीं है।

    कनिमोझी ने कहा कि हॉस्टल में एबीवीपी के छात्रों के कमरे सही सलामत अवस्था में हैं, जबकि विरोधी विचारधारा वाले अन्य छात्रों के कमरों में तोड़फोड़ की गई है। उन्होंने कहा कि जेएनयू में पांच जनवरी से पहले भी छुटपुट हिंसा की वारदातें चल रही थीं, पांच जनवरी की शाम हमलावरों ने लाठी-डंडों व लोहे की रॉड से यहां छात्रों को पीटा है।

    कांग्रेस व डीएमके से पहले माकपा नेता सीताराम येचुरी, भाकपा नेता डी. राजा और कन्हैया कुमार आदि जेएनयू के जख्मी छात्रों से मुलाकात कर चुके हैं। अधिकांश वामपंथी नेता जेएनयू छात्रसंघ द्वारा विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित धरने में भी शामिल हुए हैं।

    नेताओं के अलावा सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने भी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुई हिंसा पर अपनी चिंता जताई है।

    इस बीच, इस पूरे मुद्दे पर बुधवार को मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने जेएनयू के कुलपति के साथ एक बैठक कर विश्वविद्यालय में तुरंत शांति बहाल किए जाने को लेकर चर्चा की।

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