मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) में जेएनयू के मौजूदा हालात पर बुधवार को एक उच्चस्तरीय बैठक हुई, जिसमें मंत्रालय के सचिव अमित खरे व उच्च शिक्षा मामलों के संयुक्त सचिव गिरीश होशुर मौजूद रहे। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कुलपति एम. जगदीश कुमार को बैठक में बुलाया गया। बैठक के दौरान मंत्रालय ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में जल्द से जल्द हालात सामान्य करने के प्रयासों पर जोर दिया।
जेएनयू के कुलपति एम. जगदीश कुमार ने बताया कि उन्होंने इस बैठक में एचआरडी मंत्रालय को विश्वविद्यालय के मौजूदा हालात की जानकारी दी।
कुलपति के मुताबिक, उन्होंने अधिकारियों को जेएनयू में हालात सामान्य करने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने तय प्रक्रिया के तहत कार्रवाई की है। इसके साथ ही उन्होंने मंत्रालय को यह भी बताया कि विश्वविद्यालय में अब छात्रों के शीतकालीन पंजीकरण का कार्य सुचारु रूप से किया जा रहा है।
बैठक में जेएनयू प्रशासन का कहना था कि पुलिस को समय पर हिंसा की सूचना दी गई और अब पुलिस नकाबपोश हमलावरों की पहचान कर रही है।
मंत्रालय चाहता है कि विश्वविद्यालय परिसर में परिसर में में जल्द से जल्द शैक्षणिक प्रक्रिया की बहाली हो। छात्र परीक्षाएं देने आएं और अपनी कक्षाओं में वापसी करें। इसके साथ ही मंत्रालय ने स्पष्ट शब्दों में जेएनयू प्रशासन से कहा है कि विश्वविद्यालय में किसी भी स्तर पर कोई हिंसा नहीं होनी चाहिए।
मंत्रालय ने विश्वविद्यालय का माहौल हिंसा मुक्त रखने के लिए प्रशासन को पहले से ही सतर्कता बरतने व आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। मंत्रालय का कहना है कि छात्रों की पढ़ाई में कोई बाधा नहीं आनी चाहिए।
नकाबपोश हमलावरों ने 5 जनवरी की शाम जेएनयू परिसर में घुसकर छात्रों पर लाठी-डंडों से हमला किया था। इस हमले में जेएनयू के 36 छात्र जख्मी हुए थे। जेएनयू में हुई इस हिंसा के बाद सोमवार को मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सचिव अमित खरे की अध्यक्षता में तुरंत एक बैठक बुलाई गई।
इस बैठक में जेएनयू के प्रो-वीसी चिंतामणि महापात्रा, रजिस्ट्रार डॉ. प्रमोद कुमार, रेक्टर राणा प्रताप सिंह व प्रॉक्टर धनंजय सिंह शामिल हुए थे, लेकिन तब जेएनयू के कुलपति इस बैठक में नहीं आए थे।
इस दौरान जेएनयू प्रशासन ने मंत्रालय को 2 पेज की एक आधिकारिक रिपोर्ट सौंपी। विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा तैयार की गई इस औपचारिक रिपोर्ट में हिंसा, हिंसा के दौरान प्रशासन द्वारा उठाए गए कदम व उसके बाद उत्पन्न हुई स्थितियों की आधिकारिक जानकारी थी।