अंतिम तारीख बीत जाने के बावजूद जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में अभी भी सैकड़ों छात्रों ने अपना पंजीकरण नहीं कराया है। यह पंजीकरण शीतकालीन सत्र की पढ़ाई एवं परीक्षाओं के लिए कराया जाना है। वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन प्रशासन ने अब पंजीकरण की अंतिम तिथि को 15 जनवरी से बढ़ाकर 17 जनवरी कर दिया है। जेएनयू प्रशासन ने इसकी सूचना मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भी भेजी है। साथ ही छात्रों से भी अपील की गई है कि वे शीतकालीन सत्र के लिए अपना पंजीकरण करवाएं।
जेएनयू के रजिस्ट्रार ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय को बताया है कि अभी तक लगभग 5000 छात्र शीतकालीन सत्र के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। यह तीसरा अवसर है, जब जेएनयू प्रशासन ने पंजीकरण की अंतिम तारीख को आगे बढ़ाया है। इससे पहले पंजीकरण प्रक्रिया 12 जनवरी तक के लिए बढ़ाई गई थी। 12 जनवरी के बाद इसे 15 जनवरी और फिर अब 17 जनवरी कर दिया गया है।
गुरुवार को पंजीकरण के अंतिम तारीख आगे बढ़ाए जाने की सूचना जेएनयू के सहायक कुलसचिव मनोज कुमार ने दी। जेएनयू प्रशासन के मुताबिक, 17 जनवरी तक पंजीकरण करवाने वाले छात्रों से कोई लेट फी नहीं ली जाएगी। हालांकि इस अंतिम तारीख के बाद जेएनयू ने लेट फी का प्रावधान रखा है।
फीस वृद्धि वह हॉस्टल रुल में बदलाव के खिलाफ पिछले करीब 80 दिन से जेएनयू छात्र संघ हड़ताल पर है। छात्र संघ से जुड़े कई छात्र नेताओं पर विश्वविद्यालय के सर्वर रूम में खलल डालने का आरोप है। जेएनयू प्रशासन ने वाईफाई व सर्वर रूम को दुरुस्त करने के बाद शीतकालीन सत्र का पंजीकरण शुरू कर दिया था।
वहीं दूसरी ओर, जेएनयू छात्रसंघ ने छात्रों से नए सत्र के लिए फीस जमा करवाने को कहा है। छात्रसंघ केवल नए सत्र की फीस भरने की हामी दे रहा है और फीस भरने के बाद जारी होने वाले फॉर्म को भरने का अभी भी बहिष्कार किया जा रहा है।
जेएनयू छात्र संघ अभी भी जेएनयू में वीसी के खिलाफ प्रदर्शन कर ‘वीसी हटाओ’ की मांग कर रहा है। छात्रों की मांग को जेएनयू शिक्षक संघ का भी समर्थन हासिल है ।
वहीं, जेएनयू के कुलपति एम. जगदीश कुमार का कहना है, “हम विश्वविद्यालय में शांति बहाली के प्रयास कर रहे हैं।” उन्होंने छात्रों से नई शुरुआत करने की अपील की और कहा कि अब छात्र शीतकालीन सत्र के लिए अपना पंजीकरण करवाएं। कुमार ने 5 जनवरी को विश्वविद्यालय में हुए हमले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि इस प्रकार की हिंसा से कोई समाधान नहीं निकलने वाला।”
जेएनयू छात्र संघ का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा छात्रों पर कार्रवाई का दबाव बनाया जा रहा है। कई छात्रों को शीतकालीन सत्र के लिए जबरदस्ती पंजीकरण करवाने को कहा गया। पंजीकरण न करवाने वाले छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की धमकी दी जा रही है।
छात्रसंघ के मुताबिक, कुलपति जब तक फीस वृद्धि का फैसला वापस नहीं लेते, तब तक विश्वविद्यालय में विरोध व गतिरोध जारी रहेगा।