फीस बढ़ोतरी से नाराज जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा सोमवार को दिल्ली की सड़कों पर बवाल मचाए जाने पर दिल्ली पुलिस ने दो मामले दर्ज किए हैं। दोनों एफआईआर अलग-अलग थानों में, अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज करवाई गई हैं।
दिल्ली पुलिस मुख्यालय प्रवक्ता एसीपी अनिल मित्तल ने मंगलवार को आईएएनएस से कहा, “एक एफआईआर किशनगढ़ थाने में, जबकि दूसरी लोधी कालोनी थाने में दर्ज की गई है।”
दोनो ही एफआईआर में तकरीबन समान धाराओं का ही इस्तेमाल हुआ है। दर्ज एफआईआर में धारा-144 के उल्लंघन का भी जिक्र है। इसके अलावा दोनों थानों में दर्ज मामलों में अज्ञात लोगों के खिलाफ सरकारी कामकाज में बाधा पहुंचाने, पुलिस पर हमला करने, सरकारी ड्यूटी के दौरान पुलिसकर्मियों को चोट पहुंचाने की धाराएं भी लगाई गई हैं।
फीस बढ़ोतरी के खिलाफ जेएनयू परिसर में प्रदर्शन के बाद शांत बैठ चुके छात्र 18 नवंबर को संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन अचानक उग्र हो गए। छात्रों ने रातो-रात ठीक उसी दिन संसद तक मार्च निकालने की योजना बना डाली, जिस दिन संसद के सत्र का पहला दिन था। छात्रों की मांग थी कि फीस बढ़ोतरी पर विरोध की उनकी बात संसद तक पहुंचाई जाए।
अचानक आई इस आफत से निपटने के लिए दिल्ली पुलिस ने पूरी ताकत झोंक दी थी। छात्रों के संसद तक पहुंचने के तमाम रास्ते बंद कर दिए गए। चार-पांच मेट्रो स्टेशन भी बंद कर दिए गए। कथित अभेद्य सुरक्षा इंतजामों के बावजूद छात्रों की भीड़ संसद के काफी करीब (सफदरगंज का किला) तक पहुंचने में कामयाब रही। यहां पर छात्रों की भीड़ को रोकने में पुलिस को पसीना आ गया।
दिल्ली के तमाम अन्य जिलों, रेंजों के विशेष पुलिस आयुक्त, संयुक्त पुलिस आयुक्त, तमाम अन्य जिलों के जिला पुलिस उपायुक्त तक दल-बल संग छात्रों को रोकने के लिए पहुंच गए। इनमें छात्रों के बीच सबसे विशेष उपस्थिति दिल्ली पुलिस कमिश्नर के करीबी-विश्वासपात्र समझे जाने वाले स्पेशल कमिश्नर (इंटेलीजेंस) प्रवीर रंजन की मानी जा रही थी। हालांकि इस मौके पर उनकी कोई जरूरत नहीं थी। बहैसियत स्पेशल कमिश्नर छात्रों के मार्च पास्ट से संबंधित खुफिया रिपोर्ट जुटाना उनके जिम्मे था। फिर भी भीड़ में उनकी मौजूदगी सोमवार और मंगलवार को दिल्ली पुलिस में चर्चा का विषय बनी रही।
मार्च पास्ट की आड़ में छात्रों ने सोमवार को बवाल मचाकर एक तिहाई दिल्ली को ‘जाम’ कर दिया था। शांतिपूर्ण मार्च पास्ट की बात करने वाले छात्रों ने सड़कों पर उतरते ही जमकर बवाल काटा। छात्रों की भीड़ का जब तमाम पुलिस वाले भी निशाना बनने लगे, तो फिर पुलिस ने उन्हें बताया कि “हम भी खाली हाथ नहीं घूम रहे हैं।”
छात्रों ने पुलिस पर लाठीचार्ज का आरोप लगाया, तो दूसरी ओर दिल्ली पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता अनिल मित्तल ने मंगलवार को आईएएनएस से कहा, “लाठीचार्ज के आरोपों की जांच की जा रही है। फिलहाल इस बारे में कुछ कह पाना जल्दबाजी होगी।”
उन्होंने कहा कि सोमवार की घटना में 30 पुलिसकर्मी जख्मी हुए हैं, जबकि 15 छात्रों को भी चोट लगने की खबरें आ रही हैं।
–आईएएनएस