लखनऊ, 1 जुलाई (आईएएनएस)| मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि जेई-एईएस के कारण 40 सालों तक प्रदेश में मासूम बच्चों की जान जाती रही, लेकिन पूर्ववर्ती सरकारों ने इस ओर कभी ध्यान नहीं दिया।
मुख्यमंत्री ने यहां लोकभवन में आयोजित एक कार्यक्रम में संचारी रोग नियंत्रण व दस्तक अभियान की शुरुआत करते हुए कहा, “पिछली सरकारों जेई-एईएस को नियंत्रित करने बारे में सोचा ही नहीं है। अगर चाहते तो कई विभाग साथ मिलकर समन्वित प्रयासों से बीमारी को नियंत्रित कर सकते थे।
जबकि दो साल में ऐसे ही उपायों से जेई-एईएस पर 35 फीसद और इससे होने वाली मौतों पर 65 फीसद नियंत्रण कर लिया गया है। 40 साल से मासूम बच्चों की जान जाती रही, लेकिन पूर्ववर्ती सरकारों ने इसलिए ध्यान नहीं दिया, क्योंकि मरने वाले गरीब और वंचित परिवारों के थे।”
उन्होंने कहा, “मोदी के स्वच्छता अभियान के साथ स्थितियों में बदलाव आना शुरू हुआ, जबकि 2017 में प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद सभी संबंधित विभागों को साथ लाकर शुरू किए गए प्रयास का असर दिखने लगा है।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “दो साल पहले तक भी किसी जिला अस्पताल में जेई-एईएस का इलाज नहीं था। केवल गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में इलाज था, जहां गर्मी में तपते बिना पंखे वाले इंसेफलाइटिस वार्ड में एक-एक बेड पर तीन-चार बच्चे भर्ती रहते थे। कहीं प्लेटलेट्स की व्यवस्था नहीं होती थी, जबकि अब बीआरडी कॉलेज में बेहतर इंतजाम करने के साथ ही हर संवेदनशील जिले में पीडियाट्रिक आइसीयू बनाया गया है।”
योगी ने कहा कि प्रदेश के क्षेत्रों में अलग-अलग संक्रामक रोगों का प्रभाव है, इसलिए अभियान केवल पूर्वाचल के 38 जिलों के बजाय प्रदेश के सभी 75 जिलों में चलाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने गोरखपुर व बस्ती मंडल के सात जिलों में संचालित इंसेफलाइटिस ट्रीटमेंट सेंटर (ईटीसी) के डॉक्टरों को टैबलेट वितरित किए और दस्तक योद्घाओं का भी सम्मान किया। इन योद्घाओं में शिक्षक, डॉक्टर, ग्राम प्रधान व आशा कार्यकर्ता सहित अन्य वर्गो के वे लोग शामिल थे, जिन्होंने लोगों को जागरूक करने या साफ-सफाई जैसे कार्यो में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मुख्यमंत्री ने संचारी रोगों को लेकर जागरूकता व फागिंग वाहनों को भी झंडी दिखाकर रवाना किया।