बदलते मौसम के साथ ही अनेकों बीमारियाँ हमें घेरने लगती हैं। इनमें सबसे आम सर्दी और जुकाम की समस्या होती है। हालांकि, इससे आपकी दिनचर्या पर कोई असर नहीं पड़ता है लेकिन यह आपको परेशान करने के साथ आपके कामों में अड़चन पैदा कर देता है।
जुकाम का कारण शरीर में घुसा हुआ वायरस होता है। दुनियाभर में लगभग 200 वायरस ऐसे होते हैं जो इसका कारण बनते हैं।
यदि आपके आस पास कोई ऐसा व्यक्ति है जो वायरस के संक्रमण से पीड़ित है तो इसकी सम्भावना अधिक हो जाती है कि आपको भी यह वायरस घेर सकता है।
किसी संक्रमित सतह या किसी चीज़ को अपने मुँह या नाक के संपर्क में लाने से आपको ये वायरस प्रभावित कर सकता है।
यह वायरस हवा से संक्रमण पैदा करता है। यदि आपके आस पास कोई व्यक्ति लगातार छींकता है तो यह निश्चित हो जाता है कि आपको भी झुकाम हो जायेगा। जुकाम के लिए योग बहुत ही उपयोगी माना गया है।
योग जुकाम को कैसे ठीक करता है?
जुकाम के लिए योग इसलिए सहायक होता है क्योंकि योग आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) को अन्दर से मजबूत बनाता है।
सर्दी-जुकाम जैसी बिमारी कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण ही होता है।
प्रतिरक्षा प्रणाली को वायरस आदि से लड़ने के लिए सफेद रक्त कोशिकाओं की जरूरत होती है, जो थाइमस में मौजूद होती है। थाइमस हमारी छाती में होता है। योग करने से सफेद रक्त कोशिकाएं आसानी से प्रतिरक्षा प्रणाली तक पहुँच जाती है।
इसके अलावा योग शरीर के सिम्पेथी और पैरासिम्पेथी सिस्टम को संतुलित रखता है।
योग आपके शरीर की बनावट को स्थिर भी बनाता है। इससे आप दिखनें में मजबूत और अच्छे लगते हैं।
जुकाम के लिए योग
1. सेतु बंधासन
जुकाम के लिए सेतु बंधासन योग काफी सहायक होता है। सेतु बंधासन या ब्रिज पोज़ बहुमुखी आसन होता है।
ये आपकी छाती को खोलने का बहुत ही अच्छा तरीका होता है। ये आपके मस्तिष्क तक ताज़ा खून का संचार करता है जिससे साइनस को खोलने में मदद मिलती है। इसके अतिरिक्त यह आसन थाइमस ग्लैंड को भी उत्तेजित करता है।
थाइमस ग्लैंड प्रतिरक्षा प्रणाली का मुख्य अंग होता है।
2. धनुरासन
धनुरासन या बाउ पोज़ आपकी छाती, गर्दन, पीठ और पेट को खिंचाव प्रदान करता है जिससे झुकाम होने पर आपकी सांस लेने की क्षमता में सुधार होता है।
यदि आप झुकाम के कारण असहज महसूस कर रहे होते हैं और सो नहीं पाते हैं तो इस स्थिति में यह आसन आपको आराम प्रदान करता है।
3. विपरीत कलानी
लेग्स अप या वॉल पोज़ सांस की तकलीफों से निजात दिलाता है।
जब आप यह आसन करते हैं तो उस समय आपको झुकाम के कारण होने वाले सरदर्द और पीठदर्द से आराम मिलता है।
यह आसन को करने से आपका मस्तिष्क शांत हो जाता है और आपके शरीर को शक्ति मिलती है। यह आसन पूरे शरीर में इम्यून सेल्स का संचार भी करता है।
4. उस्त्रासन
यह आसन कैमल पोज़ के नाम से जाना जाता है। यह आपकी छाती को खोलने का काम करता है और सारे मार्ग को साफ कर देता है।
जब आप इस आसन की अवस्था में होते हैं तो उस समय अधिक से अधिक सांस लेने की कोशिश करें।
ऐसा करने से जुकाम के कारण बंद हुए सभी मार्ग खुल जायेंगे।
5. अधो मुख स्वनासन
इस आसन को डाउनवर्ड डॉग स्ट्रेच के नाम से जाना जाता है जिसमें आपका हृदय आपके सिर से ऊपरी अवस्था में रखा जाता है।
ऐसा करने से ग्रेविटी का रिवर्स पुल होता है जो लिम्फ और खून के नियमित और संतुलित संचार में सहायता करता है।
हल्के उलटे शरीर में श्वेत रक्त कोशिकाओं के नि: शुल्क प्रवाह की अनुमति मिलती है और साइनस को बाहर निकालने में भी सहायता होती है।
6. उत्तानासन
इसे स्टैंडिंग फॉरवर्ड बैंड के नाम से भी जाना जाता है। यह आपके शरीर में रक्त संचालन को सुचारू रूप से चलाता है।
यह आपके मस्तिष्क में खून की नयी श्रेणी भेजता है जिससे किसी भी प्रकार का ब्लॉकेज या साइनस से निजात मिलता है।
यह नर्वस सिस्टम को संतुलित करता है और तनाव और चिंता कम कर देता है।
7. हलासन
साइनसाइटिस से ग्रस्त लोगों के लिए यह सबसे उपयोगी और महत्त्वपूर्ण आसन होता है।
यह सम्पूर्ण शरीर में रक्त का प्रवाह सुधारता है और विषैले पदार्थों को बाहर निकालने का उचित मार्ग बना देता है।
यह पैथोजन को हटाकर इम्युनिटी बढाता है जिससे आपका झुकाम ठीक हो जाता है।
8. मत्स्यासन
जब आप इस आसन की अवस्था में होते हैं तो आपकी छाती ऊपर की तरफ हो जाती है और आपका गला खुल जाता है जिससे आपको सांस लेने में परेशानी नहीं होती है और झुकाम में भी आराम मिलता है।
9. सलाम्बा सिरसासन
यह अत्यधिक जटिल प्रतीत होने वाला आसन है।
यह आपके शरीर की खोयी हुई उर्जा वापिस लौटाता है और विषैले पदार्थों को शरीर से निकलने में मदद करता है क्योंकि इस अवस्था में होने पर खून आपकी पैरों की उँगलियों से होता हुआ हृदय के रास्ते मस्तिष्क तक जाता है।
ये आपकी इम्युनिटी बढाता है और आपको झुकाम से लड़ने की ताकत देता है।
10. शवासन
ये सबसे ज्यादा आरामदायक पोज़ होता है। कभी कभी जब आपको झुकाम होता है तो आपको अपने शरीर को आराम देने की आवश्यकता होती है।
यह शरीर को उर्जा प्रदान करता है और उसे झुकाम पैदा करने वाले कीटाणुओं से लड़ने में मदद करता है।
अब तक आप जान गए होंगे कि जुकाम के लिए योग कितना जरूरी है?
अगली बार जब आपको जुकाम जैसी बिमारी हो, तो आप योग पक्का करें।
यदि आपके कोई सुझाव या सवाल हैं, तो आप नीचे कमेंट करके हमसे पूछ सकते हैं।
Maine ye saare yoga kiye or Meri jukaam ek hi din me theek ho gayi
Thanks
jo sabhi yog aapne bataaye hain ye jukaam kaise theek karenge inse to hamaari body par effect hogaa hamaari naak par kyaa hoga?